बिहार के पूर्णिया प्रमंडल के मुस्लिम—बहुल गांवों में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है। एक ऐसी ही घटना 22 जून को अररिया जिले के रामपुर कोदरकट्टी गांव में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुई है। जिहादियों ने मंदिर परिसर में तोड़फोड की। वहां लहरा रही धर्म ध्वजा को ब्लेड से फाड़ दिया। घटनास्थल पर प्रयुक्त ब्लेड भी मिला है। इतने पर भी मन नहीं भरा तो जिहादियों ने शेषनाग के पांच मुखों में से एक मुख को तोड़ दिया। शेषनाग भगवान के ऊपर हरे रंग का झंडा यानी इस्लामी झंडा भी लगा दिया। इस झंडे पर ‘कलमा’ लिखा गया था। इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित बजरंग बली की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त की गई। यह मंदिर अररिया जिला मुख्यालय से मुश्किल से 8 कि.मी. की दूरी पर है। यह मंदिर जिले का चर्चित मंदिर है और यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन यहाँ भव्य मेला लगता है।
पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार के अनुसार 22 जून की भोर को जब गाँव में कुछ लोग टहल रहे थे तब उन्होंने दूर से देखा कि कुछ लोग मंदिर में तोड़फोड़ कर रहे हैं। जब वे लोग मंदिर की ओर बढ़े तो जिहादी भाग गए। इसके बाद इसकी जानकारी और लोगों को दी गई। घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों समुदाय के बुद्धिजीवियों को बुलाया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी शैलेश चंद्र दिवाकर और अनुमंडल आरक्षी निरीक्षक पुष्कर कुमार ने गाँव के लोगों के साथ बैठक की। दोनों समुदाय के लोगों से गाँव में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने की अपील की और असामाजिक तत्वों की पहचान कर प्रशासन को सूचित करने का भी आग्रह किया। वैसे अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा है कि प्रशासन 24 घंटे के अंदर उपद्रवियों को गिरफ्तार करे, नहीं तो हिंदू समाज आंदोलन करेगा।
लोगों का कहना है कि पूर्णिया प्रमंडल के मुस्लिम बहुल गांवों में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। अररिया जिले में मुस्लिमों की आबादी लगभग 43 प्रतिशत है। रामपुर कोदरकट्टी गांव में 70 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है। अररिया के नगर थाना क्षेत्र में इसके पूर्व भी कई विवादित घटनाएं हुई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन हर बार मामले को दबा देता है। इस बार भी यही हो रहा है। जो लोग या संगठन ऐसे मामलों को उठाने का प्रयास करते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। प्रशासन की इसी नीति का फायदा जिहादी तत्व उठा रहे हैं और आए दिन ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
जब भी ऐसी कोई घटना होती है, तो भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी जाती है। इसके साथ ही प्रशासन लोगों से साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता है, लेकिन घटना की जांच नहीं कराई जाती है। बताया जा रहा है कि घटना की जांच इसलिए नहीं कराई जाती है कि इससे वोट बैंक नाराज हो जाएगा।
कोदरकट्टी की घटना के बाद वहां तनाव है। तनाव इसलिए नहीं है कि मंदिर में हुई घटना का हिंदू विरोध कर रहे हैं, बल्कि इसलिए है कि किसी आरोपी पर कोई कार्रवाई न हो, इसलिए एक वर्ग तरह—तरह की बातें कर रहा है।
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