विवादित पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के 26 दिन बाद उनका नया गाना रिलीज हुआ। पंजाब-हरियाणा के बीच विवादित एसवाईएल नहर के मुद्दे पर मूसेवाला का यह गाना गुरुवार शाम 6 बजे गाना रिलीज हुआ। 4 मिनट 9 सेकेंड के इस गाने को एक साथ 3 लाख फैंस ने देखा। पहले 6 मिनट में गाने को 4.77 लाख लोगों ने देखा और 3.14 लाख लोगों ने लाइक किया। गाने पर 1.10 लाख लोगों ने कमेंट भी किए। मूसेवाला की बीती 29 मई को पंजाब के मानसा में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस ने ली।
सिद्धू मूसेवाला के नए गाने में पंजाब के पानी और उससे जुड़े दूसरे मुद्दों का जिक्र है। पंजाब-हरियाणा के बीच बहुचर्चित सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है। सिद्धू के गाने में इस पूरे विवाद को बताया गया।
गाने के बोल इस तरह है …
ओह कलम नी रुकणी, नित नवा हुण गाणा आऊं… जे ना टले तां मुड़ बलविंदर जटाणा आऊं। फेर पुत्त बेगाने नहरां च डेगा ला ही दिंदे… ओन्हा चिर पाणी छड्डो , टुपका नीं देंदे।
(अब कलम नहीं रुकेगी, हर रोज नया गाना आएगा, अगर न हटे तो फिर बलविंदर जटाणा दोबारा आएगा। फिर पंजाब के लोग नहर में डेगा (खंडा) लगा देंगे। उतनी देर पानी तो छोड़ो उसकी एक बूंद नहीं देंगे।)
सिद्धू के इस गाने की शुरुआत के बैकग्राउंड में आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता का बयान चलता है जिसमें वह 2024 में पंजाब की तरह हरियाणा में भी अपनी पार्टी की सरकार बनने पर हरियाणा को एसवाईएल पानी दिलाने की बात कह रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला के इस नए गाने के वीडियो में पंजाब और पंजाबियों की शान का जिक्र किया गया है। इसमें तीन खेती कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली कूच के शॉट भी दिखाए गए हैं। इसके अलावा लाल किले पर विवादित झँडे लहराने की सराहना भी की गई है।
सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 की शाम को पंजाब के मानसा जिले में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत के बाद परिवार ने मूसेवाला की आत्मिक शांति के लिए अरदास रखवाई। उसी समय सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने कहा था कि वह वादा करते हैं कि अगले 5-7 साल अपने बेटे को गानों के जरिये सबके बीच जिंदा रखेंगे। सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर ने बताया था कि उनके बेटे के कई गाने रिलीज होने की स्टेज पर हैं। सिद्धू ने कई और गाने भी लिखे थे। इन सभी गानों को एक-एक करके रिलीज किया जाएगा।
बब्बर खालसा के आतंकी बलविन्द्र जटाणा का महिमामंडन
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनका सतलुज-यमुना लिंक नहर पर आधारित गीत रिलीज हुआ है। इसमें मूसेवाला ने बलविंदर सिंह जटाणा का जिक्र किया है। जटाणा ने अपने साथियों के साथ मिलकर चंडीगढ़ में 2 अफसरों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद अफसर इतने डर गए थे कि कोई इस काम में हाथ डालने को तैयार नहीं हुआ। जिस वजह से उस वक्त पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर का काम वहीं रुक गया था।
यह घटना 23 जुलाई 1990 की है। चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित दफ्तर में सतलुज-यमुना लिंक नहर बनाने को लेकर मीटिंग चल रही थी। इसके जरिए पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली तक जाना था। जिस वक्त मीटिंग हो रही थी, रोपड़ के रहने वाले बलविंदर जटाणा अपने साथ बलबीर सिंह फौजी, जगतार सिंह पिंजोला और हरमीत सिंह भाओवाल के साथ वहां पहुंच गए। यह कहा जाता है कि जटाणा ने वहां पहुंचकर अपने साथियों के साथ चीफ इंजीनियर और सुपरिटेंडिंग इंजीनियर एमएस सिकरी और अवतार औलख की हत्या कर दी।
अधिकारियों की हत्या का आरोप बलविंदर जटाणा पर लगा। इसके बाद पुलिस जटाणा की तलाश में जुट गई। इसके बाद 30 नवंबर 1991 को पुलिस उसके घर पहुंची। जहां जटाणा तो नहीं मिला लेकिन परिवार हाथ लग गया। इसके बाद पुलिस जटाणा की तलाश में जुट गई। जटाणा पर 16 लाख का इनाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद 4 सितंबर 1991 को जटाणा अपने साथी चरणजीत सिंह चन्ना के साथ साधुगढ़ गांव की तरफ जा रहे थे। दोपहर के वक्त उन्होंने आगे पुलिस का नाका देखा। जिसके बाद वह बगल में स्थित खेतों से भागने लगे। वहां पुलिस ने उन्हें गोली मारकर एनकाउंटर कर दिया।
बलविंदर सिंह जटाणा बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ था। जटाणा बब्बर खालसा के मुखी सुखदेव सिंह बब्बर के करीबियों में गिना जाता था। इसी वजह से जटाणा को पंजाब के मालवा इलाके का लेफ्टिनेंट जनरल बना रखा था। उस वक्त मालवा इलाके में बब्बर खालसा की गतिविधियां जटाणा के इशारे पर ही चलती थी।
टिप्पणियाँ