सिख दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने आज पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. इसके पहले 6 अभियुक्त गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं. बृहस्पतिवार को गिरफ्तार को किये गए अभियुक्त निराला नगर, किदवई नगर व उसके आसपास के क्षेत्र में हुई घटना के लिए गिरफ्तार किये गए हैं. एसआईटी ऐसे ही कुछ और अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है.
कहा जाता है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगे को कांग्रेसियों ने पीछे से हवा दी थी. सिख दंगों के बाद 19 नवंबर 1984 को एक सभा को संबोधित करते हुए राजीव गांधी ने कहा था “जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी तब हमारे देश में कुछ दंगे – फसाद हुए थे. हमें मालूम है कि भारत की जनता क्रोधित हो उठी थी. कुछ दिन के लिए लोगों को ऐसा महसूस हुआ था कि भारत हिल रहा है. जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है.”
यह कड़वी सचाई है पूरे देश के निर्दोष सिख परिवारों को दंगों का शिकार होना पड़ा था. ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया था ताकि पूरे देश में भय व्याप्त हो. सन 84 के दंगे, कांग्रेस पार्टी के लिए दाग की तरह है जिससे वह कभी मुक्त नहीं हो पाई. राजीव गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सन 84 के दंगे के आरोपी बनाये गए. दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सज्जन कुमार को दंगे का दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सज्जन कुमार को दिल्ली के कैंट इलाके में आपराधिक षड्यंत्र रचने और दंगा भड़काने का दोषी माना गया. कांग्रेस के एक और बड़े नेता जगदीश टाइटलर पर भी दंगा भड़काने के आरोप लगे. उन पर गुरुद्वारा के सामने 3 सिखों की हत्या करने का आरोप लगा था.सिख दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी माफी मांग चुके हैं. उन्होंने कहा था कि “जो कुछ भी हुआ, उससे उनका सिर शर्म से झुक जाता है. इन दंगों की तपिश को आज तक सिख महसूस करते हैं.”
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