छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मासूम बच्चों को गुमराह कर नक्सली उनका बचपन छीनकर उनसे गोला बारूद की सप्लाई करवा रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को नक्सली अपने स्कूलों में ले जाते हैं, जहां मासूमों को हिंसा की ट्रेनिंग दी जाती है। नक्सली मासूम बच्चों का ब्रेनवॉश कर उन्हें हिंसा के मार्ग में ढकेल रहे हैं। इस बात का खुलासा बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में किया।
एसपी ने बताया कि बुधवार को पामेड़ थाना के जारपल्ली से पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें दो नाबालिग बच्चे शामिल हैं, जिनसे इसकी पुष्टि हो रही है। इनके कब्जे से विस्फोटक सामग्री 100 जिलेटिन रॉड (लिक्विड बारूद), बड़ा जिलेटिन दो (प्रत्येक नग लगभग 2.78 किग्रा), धूकनी मशीन एक, बिजली वायर लगभग 35 मीटर, एक सफेद बोरी में लगभग 20 किग्रा यूरिया एवं अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किया गया है।
एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलना यह इशारा करता है कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे। एसपी ने कहा कि जल्द ही नक्सलियों के सप्लाई चैन को ध्वस्त किया जाएगा और भविष्य में और भी बड़े खुलासे की बात कही है। उन्होंने कहा कि नक्सली मासूम बच्चों को जवानों की रेकी करवाने का काम करवा रहे हैं, इतना ही नहीं नक्सली 14-15 वर्ष के बच्चों को आईडी लगाने और ब्लॉस्ट करने की भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्हें बाद में हथियार देकर मुठभेड़ों में शामिल कर लेते है या फिर उन्हें अन्य राज्यों में नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के लिए भेज दिया जाता है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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