अखिल भारतीय साहित्य परिषद्,जयपुर प्रान्त द्वारा आयोजित हुआ प्रांतीय अधिवेशन और साहित्यकार सम्मेलन
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अखिल भारतीय साहित्य परिषद्,जयपुर प्रान्त द्वारा आयोजित हुआ प्रांतीय अधिवेशन और साहित्यकार सम्मेलन

चूरू जिले के सुजानगढ़ में अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राजस्थान के जयपुर प्रान्त ने आयोजित किया प्रांतीय अधिवेशन और साहित्यकार-सम्मेलन। इसमें वक्ताओं ने साहित्य के साथ अनेक विषयों पर चर्चा की।

by WEB DESK
Jun 23, 2022, 02:27 pm IST
in भारत, संघ, राजस्थान
कार्यक्रम के मंच पर विराजमान साहित्यकार एवं अतिथि और एक वक्ता अपने विचार रखते हुए

कार्यक्रम के मंच पर विराजमान साहित्यकार एवं अतिथि और एक वक्ता अपने विचार रखते हुए

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राजस्थान के जयपुर प्रांत द्वारा 19 जून को चूरू जिले के सुजानगढ़ में प्रांतीय अधिवेशन और साहित्यकार-सम्मेलन आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि और राजस्थान लोकसेवा आयोग, अजमेर के पूर्व सदस्य और मोदी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. पी. के. दशोरा ने कहा कि स्वतंत्रता और स्वाधीनता में अंतर समझना होगा। प्रो. दशोरा ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के लिए 1857 से लेकर 1947 तक क्रांतिकारियों और आन्दोलनकारियों के साथ ही लेखकों, कवियों और पत्रकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी गौरव-गाथा हमें प्रेरणा देती है कि हम स्वतंत्रता के मूल्य को बनाए रखने के लिए कृत संकल्पित रहें।
उद्घाटन सत्र में बीज वक्तव्य देते हुए साहित्य परिक्रमा के संपादक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष ने कहा कि स्वाधीनता का आंदोलन केवल राजनीतिक चेतना का ही नहीं, अपितु सामाजिक, साहित्यिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का आंदोलन था। स्वाधीनता पहले सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्तर पर आनी चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द, दयानन्द सरस्वती और बाल गंगाधर तिलक के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर की स्वाधीनता पर भी विचार करने की आवश्यकता है। सत्र की मुख्य वक्ता डॉ. साधना जोशी प्रधान ने स्वतंत्रता संग्राम एवं भारतीय भाषा साहित्य पर महत्वपूर्ण बातें बताईं और भारतीय भाषाओं के योगदान के उदाहरण दिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में परिषद् के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा ने राजस्थान के कवियों का स्वाधीनता संग्राम में योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम को तीन कालखण्डों में बांटते हुए व्याख्या की। उन्होंने कहा कि जागरूक क्रांति-दृष्टाओं ने सन् 1857 से पूर्व के आत्महीनता काल को आत्मगौरव की जागृति में बदलने का कार्य किया। डॉ. शर्मा ने अनेक लोकनायकों के उल्लेख के साथ 1947 के बाद के आन्दोलन को व्याख्यायित किया। आयोजन के विशिष्ट अतिथि डॉ. एन.के. प्रधान थे। उद्घाटन सत्र का शुभारम्भ सुजानगढ की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना और जयपुर प्रांत के महामंत्री राजेन्द्र शर्मा मुसाफ़िर द्वारा प्रस्तुत परिषद गीत से हुआ। उद्घाटन सत्र का संचालन साहित्यकार डॉ.घनश्याम नाथ कछावा ने किया।
संगठनात्मक सत्र में संगठन मंत्री डॉ. विपिनबिहारी पाठक ने सामाजिक विकृतियों की ओर संकेत करते हुए हुए कहा कि साहित्यकार को अपने दायित्वों के प्रति सचेत रहना चाहिए। स्वाधीनता संग्राम में साहित्यकारों के योगदानों के साथ ही आज की बदलती स्थितियों पर उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार नहीं बचेंगे तो संस्कृति भी नहीं बचेगी। उन्होंने दायित्ववान कार्यकर्ता और साहित्यकारों का आह्वान करते हुए कहा कि परिषद् से जुड़ा हर व्यक्ति राष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव की रक्षा के लिए सन्नद्ध रहना चाहिए। प्रांत महामंत्री ने राजेन्द्र ‘मुसाफ़िर ने प्रांत की गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रांत अध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव ‘सरस’ ने आगामी योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने संगठन मंत्री से परामर्श कर प्रांत कार्यकारिणी के विस्तार की घोषणा की और इकाइयों को गतिशील करने पर बल दिया। पाटन के जगदीश माली को प्रांत संगठन मंत्री, विकास बागड़ा को जयपुर-सांगानेर का विभाग संयोजक, हीरापुरा नगर,जयपुर इकाई के संजय यादव को प्रांत सहमंत्री, तारानगर के बनवारी लाल शर्मा को प्रान्त मीडिया प्रभारी, रतनगद के अरविंद कुमार मिश्रा को प्रान्त साहित्य मंत्री और पाटन के गिरधारी सिंह ‘गिरधर’ को प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य के दायित्व दिए गए।
अधिवेशन के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय महामंत्री डॉ. केशव शर्मा ने राजस्थान में स्वाधीनता संग्राम और साहित्य की वास्तविकता और कमियों के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि षडयन्त्रपूर्वक बहुत—सा साहित्य सामने ही नहीं आ सका, जो आना चाहिए था। इसी सत्र में डॉ. अखिलानन्द पाठक, श्रीमती संतोष भार्गव और कमलनयन शर्मा ने विचार प्रस्तुत किए।
द्वितीय तकनीकी सत्र, जिसका विषय स्वाधीनता संग्राम और हिन्दी पत्रकारिता रहा, में डॉ. सुरेन्द्र डी सोनी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में तत्कालीन पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता के स्वरूप का तुलनात्मक विष्लेषण किया। मुख्य वक्ता रामस्वरूप रावतसरे के अलावा इंद्र कुमार भंसाली, जयश्री सेठिया, करण सिंह, संजय यादव और रमाकान्त शर्मा ने भी वक्तव्य दिए। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।

 

Topics: अखिलभारतीयसाहित्यपरिषद्
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Mola ram Gadhwali painter

मौलाराम: गढ़वाल चित्रशैली के आचार्य, उत्तराखंड के कला और साहित्य के प्रणेता

राज्यसभा में अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों के लौटने के मुद्दे पर वक्तव्य देते हुए  विदेश मंत्री जयशंकर

‘….ऐसे भारतीयों को पहली बार नहीं निकाला America ने, 16 साल से हो रहा ये’, कांग्रेस के आरोपों पर बोले Jaishanker

Representational Image

क्या भारत लौटेंगे बिना दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे 18 हजार भारतीय! ट्रंप के नए आदेश का असर!

स्वामी दयानंद सरस्वती ने भारत की विराट संस्कृति से भारतीयों के आत्मविश्वास को जगाया

संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ध्वज फहराया

America से Bangladesh तक, India के 75वें गणतंत्र दिवस की धूम, विदेशों में तिरंगा फहरा शान से

सोने पर निशाना लगाते नीरज चोपड़ा (फाइल फोटो)

ये नीरज का भाला है सोना लेकर आता है, एवरेस्ट पर भारत के गोल्डन ब्वॉय, हर मंच पर स्वर्णिम सफलता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies