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अफगानिस्तान भूकंप : 1000 से ज्यादा की मौत, तालिबान ने मांगी अंतरराष्ट्रीय मदद

पहाड़ी इलाकों और दूरदराज के गांवों में हुए जान-माल के नुकसान का ब्योरा आना अभी बाकी है। इससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

by WEB DESK
Jun 23, 2022, 08:53 am IST
in विश्व
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अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मलेशिया में मंगलवार से बुधवार सुबह तक आए भूकंप के झटके जानलेवा साबित हो गए। अफगानिस्तान पर तो भूकंप कहर बनकर टूटा है। भूकंप के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि तालिबान सरकार के एक अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है। अफगानिस्तान के आपात सेवा के अधिकारी सराफुद्दीन ने कहा कि किसी देश में जब इस तरह की कोई बड़ी आपदा आती है। तब अन्य देशों की मदद की जरूरत पड़ती है।

अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में मंगलवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 मापी गयी है। भूकंप का केंद्र दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर से 44 किलोमीटर दूर था, जिससे 51 किलोमीटर गहराई तक धरती हिल गयी।

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार अफगानिस्तान में क्रमश: 21 और 22 जून को भूकंप के झटके लगे। 21 जून की सुबह 6 बजकर 21 मिनट (भारतीय मानक समय के अनुसार) पर 4.5 की तीव्रता का भूकम्प आया, जिसका केंद्र काबुल से 243 किमी. उत्तर-पूर्व में धरती की सतह से 51 किमी. नीचे थे। उसके बाद 22 जून को 2 बजकर 24 मिनट (भारतीय मानक समय के अनुसार) पर फिर भूकम्प आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.1 मापी गई। इसका केंद्र काबुल से 176 किमी. दूर दक्षिण में धरती की सतह से 10 किमी. नीचे था। भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार चूंकि इसकी तीव्रता अधिक और धरती की सतह से केंद्र की गहराई कम थी, इसलिए इसकी वजह से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है।

अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के अधिकारी सलाहुद्दीन अयूबी के अनुसार इस भयावह भूकंप का सर्वाधिक असर पक्तिका प्रांत में देखने को मिला है। खोस्त में भी स्थितियां भयावह हैं। सरकार की ओर से राहत कार्य तेज कर दिये गए हैं। राहत कार्यों और पीड़ितों तक दवाएं व खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किये गए हैं।

अफगानिस्तान के आपदा प्रबंधन उपमंत्री शरफुद्दीन मुस्लिम ने बताया कि 920 लोगों की मौत और छह सौ से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों और दूरदराज के गांवों में हुए जान-माल के नुकसान का ब्योरा आना अभी बाकी है। इससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। कुल मिलाकर एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों की संख्या में लोग गंभीर अवस्था में घायल हैं। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है। तालिबान नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने बताया कि हजारों की संख्या में घर गिर गए हैं। भूकंप जिस समय आया उस समय स्थानीय समय के अनुसार आधी रात के बाद के डेढ़ बज रहे थे। ऐसे में लोग सो रहे थे और भूकंप के कारण घरों के गिरने से दब कर उनकी मौत हो गयी। इस कारण भी मृतकों की संख्या बहुत अधिक है।

अफगानिस्तान में आया भूकंप इतना तेज था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान, क्वेटा आदि शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। भारतीय मानक समय के अनुसार बुधवार सुबह 3:20 बजे जो भूकंप आया, उसका केंद्र इस्लामाबाद से 345 किमी. दक्षिण-पश्चिम में धरती की सतह से 27 किमी. नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई। पाकिस्तान में भी भूकंप के झटकों के कारण 20 लोगों की मौत होने और बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।

ऐसे ही देर रात मलेशिया में भी 5.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। अभी वहां से किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है किन्तु ढांचागत नुकसान हुआ है। वहां लोग राहत कार्यों में जुटे हैं। बुधवार सुबह साढ़े दस बजे के आसपास इंडोनेशिया में 5.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए। यहां भूकंप का केंद्र नूसा टेंगारा से 132 किलोमीटर पूर्व की ओर था।

Topics: Taliban governmentअफगानिस्तान में भूकंपभूकंप का कहर1000 से ज्यादा मौतअंतरराष्ट्रीय मददतालिबान सरकारEarthquake in Afghanistanearthquake havocmore than 1000 deathsinternational aid
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