बड़ी मशकत के बाद आखिर सूरत के होटल में उद्धव ठाकरे के कार्यकर्ता मिलिंद नार्वेकर और एकनाथ शिंदे में भेट हुई। दोनों में करीब आधा घंटा चर्चा हुई। एकनाथ शिंदे ने इस चर्चा में मांग की है कि शिवसेना विचारधारा के विपरीत कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़कर गठबंधन तोड़े। एकनाथ शिंदे का कहना है कि हिंदुत्त्व शिवसेना का मूल विचार है, इसलिए भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहिए। लेकिन फिर से शिवसेना भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करना उद्धव ठाकरे के लिए लगभग असंभव है। एकनाथ शिंदे ने दो टूक शब्दों में नार्वेकर को कहा है कि उनका शिवसेना में वापसी करना लगभग असंभव है।
दो बार नार्वेकर और शिंदे के बीच बैठक हुई। इस चर्चा के मुद्दे को लेकर नार्वेकर मुंबई में उद्धव ठाकरे से मिलेंगे और ठाकरे निर्णय लेंगे। एकनाथ शिंदे ने जो मांग शिवसेना के लिए रखी है, वह किसी भी हालत में मंजूर नहीं हो सकती। नार्वेकर ने शिवसेना की ओर से शर्त रखी कि एकनाथ शिंदे की मांग पर तभी विचार हो सकता है जब वह वापस शिवसेना में लौटें। इस चर्चा का स्वरूप देखते हुए एकनाथ शिंदे का बागी गुट और शिवसेना इकठ्ठा आने की संभावना लगभग नहीं है। एकनाथ शिंदे के कुछ समर्थक विधायक और पूर्व विधायक को गोवा में ले जाया गया है।
महाविकास आघाड़ी सरकार में चल रहे टकराव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विकल्प देने की तयारी शुरू की है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तैयारी के रूप में भाजपा ने अपने सारे विधायक मुंबई में बुलाए हैं। भाजपा के विधायकों को गुजरात या गोवा ले जाने की सोचकर भाजपा के नेता तैयारी कर रहे हैं। शिवसेना ने बागी नेता एकनाथ शिंदे को विधानसभा गुटनेता पद से हटाने का निर्णय किया, लेकिन प्रस्ताव पर 55 में से केवल 17 विधायकों का समर्थन होने के कारण यह निर्णय विधानमंडल के नियम के अनुसार मंजूर होना मुश्किल है।
महाविकास आघाड़ी की सरकार पर जो खतरा मंडरा रहा है, उसे कैसे टाला जा सकता है इसका विचार करने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता बैठक करेंगे। शिवसेना की ओर से मुंबई में कई जगह शिवसेना के समर्थन में और एकनाथ शिंदे के विरोध में नारे लगाए जा रहे हैं। शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने शिवसेना मे चल रहे घमासान को लेकर उद्धव ठाकरे की तीखी आलोचना की है। ठाकरे कार्यकर्ता और विधायक को मिलते नहीं। लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं देने के कारण शिवसेना में अभी फूट हो रही है। उनका कहना है कि सरकार अल्पमत में है और मुख्यमंत्री को एक मिनट भी पद पर नहीं रहना चाहिए, उन्हें अब इस्तीफा दे देना चाहिए।
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