आखिरकार जिस बात को दुनिया भर के विशेषज्ञ पिछले दो साल से तथ्यों के आधार पर सार्वजनिक रूप से बोलते आ रहे हैं और जिसे कुछ निहित स्वार्थी विदेशी ताकतें झुठलाती आ रही हैं, वह बात अब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस के मुंह पर आ ही गई।
डॉ. तेद्रोस ने कहा है कि कोरोना महामारी के फैलने के पीछे एक वजह चीन की वुहान लैब से निकलकर वायरस का दुनियाभर में फैलना हो सकती है। यह हैरतअंगेज बात एक रिपोर्ट में सामने आई है। इसमें लिखा है कि डॉ. तेड्रोस ने एक बड़े यूरोपीय नेता के सामने यह बात प्रमुखता से स्वीकारी थी कि वायरस वुहान लैब से ही निकला हो सकता है।
हालांकि दुनिया जानती है कि इससे पहले उन्होंने हर बार खुद को चीन को कठघरे में खड़ा करने से दूर ही रखा है। वे चीन पर सीधा आरोप लगाने से बचते रहे हैं।
दुनिया के अनेक संक्रमण और वायरस विशेषज्ञों के अध्ययनों, दस्तावेजों, लीक हुए चित्रों, वीडियो, तथ्यपत्रों आदि को सार्वजनिक रूप से अनदेखा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन का अब तक यही कहना रहा है कि ‘अभी तय नहीं कहा जा सकता कि कोरोना कहां से फैला। अथवा कि वे अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। संक्रमण के पीछे सभी तरह की संभावनाएं बनी हुई हैं’ आदि।

आस्ट्रेलिया के मशहूर स्काई न्यूज चैनल पर जून 2021 में एक विश्वसनीय स्रोत से मिला ये वीडियो फुटेज दिखाया गया जिसमें वुहान लैब के अंदर जिंदा चमगादड़ें दिख रही हैं। जबकि लैब की तरह से बयान जारी किया गया था कि वहां जिंदा चमगादड़ नहीं रखी जातीं
हैरानी की बात यह भी है कि कोरोना वायरस से अन्य मुद्दों पर एक सूचना सत्र में डॉ. तेद्रोस ने कहा था कि ‘कोरोना वायरस की पहचान किए ढाई साल हो गए हैं, लेकिन हमारे पास इस बात का उत्तर नहीं कि वायरस मानव आबादी तक कैसे पहुंचा’।
दिलचस्प बात यह भी है कि पिछले ही साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति की जांच के लिए 27 विशेषज्ञों का एक दल गठित किया था। इस दल का काम महामारी और उसको फैलाने वाली वजहों का अध्ययन कर एक व्यवस्था खड़ी करना था। अपनी शुरुआती रिपोर्ट में दल ने कहा था कि ‘इस सदी की वैश्विक महामारी कोरोना के फैलने के पीछे कोई ठोस कारण पता नहीं चल पाया है’।
दल ने यहां तक कह दिया था कि वायरस फैलने की वजहों का पता लगाने लायक पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है। और जांच करने के लिए दल को और डाटा चाहिए था। दल के सदस्यों ने दबी जबान से यह भी कहा था कि ये काम तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कि चीन सरकार और उसकी वुहान लैब हर तरह से मदद करे। लेकिन सब जानते हैं कि चीन ने ऐसी हर कोशिश और आवाज को दबाने की ही कोशिश की जो उसे ‘अपराधी’ ठहराती हो। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ दल को ही लैब की जांच करने देने में अनेक अड़ंगे लगाए गए थे।
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