एक हफ्ते बाद ही सही, पर अगवा हुई हिन्दू लड़की आखिरकार अपने परिजनों के पास वापस लौटी है। पाकिस्तान में पंजाब सूबे के झेलम जिले में एक मजहबी कट्टरपंथी तत्व ने एक सप्ताह पहले जिस हिंदू लड़की को अगवा किया था उसे पुलिस ने आखिरकार बरामद कर लिया है।
अगवा करने वाले संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान के मशहूर दैनिक द डॉन में प्रकाशित समाचार के अनुसार, झेलम जिले के पहाड़ी इलाके से उस हिन्दू लड़की का तब अपहरण कर लिया गया था जब वह काम से लौट रही थी। पुलिस के अनुसार, उस लड़की को चोटला थाना क्षेत्र के सिंघोई नामक स्थान से बरामद किया गया।
घटनाक्रम के अनुसार, उक्त लड़की को उसके मकान मालिक की संलिप्तता से राजा जफर नामक व्यक्ति ने अगवा किया था। वह उसके साथ दुष्कर्म करना चाहता था। स्थानीय पुलिस ने बताया कि बहावलपुर जिले की पुलिस ने अगवा हुई लड़की को बरामद किया और दो दिन पूर्व झेलम पुलिस को सौंपा था। पता चला है कि अभी तक जफर पकड़ा नहीं जा सका है। हालांकि पुलिस के अनुसार, उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
पीड़िता की मां की शिकायत पर 7 जून को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, लड़की और उसका परिवार सिंध के बदीन इलाके से झेलम के सिंघोई इलाके में एक स्थानीय जमींदार राजा जफर के फार्महाउस पर कुछ दिन काम करने के लिए आया था।
उसने बताया कि 6 जून को वह और उसकी बेटियां काम करके पहाड़ी से लौट रही थीं और तब एक जगह पानी पीने के लिए रुकी थीं। जब उसकी बेटी शौचालय के लिए गई तो वहां संदिग्ध पहले से मौजूद था। उसने लड़की को पीटना शुरू कर दिया और उसे जबरन अपनी कार में बिठा कर ले गया।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिन्दुओं का उत्पीड़न चरम पर है। वहां उनकी आवाज सुनने वाला शायद कोई नहीं है। उस इस्लामी देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए राजनीतिक दल कट्टरपंथियों के विरुद्ध आवाज नहीं उठातीं क्योंकि उन्हें उनके वोट से हाथ धोने का डर रहता है। हिन्दू लड़कियों के अपहरण या जबरन कन्वर्जन की घटनाओं को यहां आमतौर पर अनदेखा कर दिया जाता है। कुल मिलाकर पाकिस्तान में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बच्चों के मानवाधिकार की स्थिति अत्यंत नाजुक है।
झेलम में हुई इस घटना को लेकर स्थानीय हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त है। हिन्दुओं का कहना है कि हमारी महिलाओं का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है। स्थानीय मजहबी उन्मादी उन पर नजर रखते हैं और मौका पाते ही कोई घटना कर डालते हैं। पुलिस भी उनकी सुरक्षा की खास परवाह नहीं करती है।
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