प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानी के संकट को लेकर ‘ग्राम प्रधानों’ को व्यक्तिगत पत्र लिखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन की चर्चा की है।
प्रधानमंत्री ने पत्र लिखते हुए उन्हें आने वाले मॉनसून के दौरान भारी मात्रा में जल संरक्षण करने को कहा है। प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित पत्रों को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय द्वारा मंगलवार से सभी 1294 ग्राम प्रधानों को सौंपा जाएगा।
डीपीआरओ कार्यालय से मिले पत्र में पीएम नरेन्द्र मोदी ने ग्राम प्रधानों से अनुरोध किया है कि वे इस मौसम में ग्रामीणों को वर्षा जल की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करें। पत्र को प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत स्पर्श के साथ हिन्दी में लिखा है।
”प्रिय सरपंचजी, नमस्कार (नमस्ते)। मुझे आशा है कि आप और मेरे पंचायत के सभी भाई-बहन स्वास्थ्य होंगे। बारिश का मौसम लगभग शुरू होने वाला है। हम भगवान के आभारी हैं कि हम इतने वर्षा के पानी से धन्य हैं। हमें इस आशीर्वाद (पानी) के संरक्षण के लिए सभी प्रयास और व्यवस्था करनी चाहिए।”
पत्र में पीएम मोदी ने चेकडैम और तालाबों के निर्माण का भी सुझाव दिया है, जहां वर्षा जल को संरक्षित किया जा सके। पीएम मोदी ने अपने एक पेज के पत्र में ग्राम प्रधानों से विशेष अनुरोध किया है कि वे ग्राम सभा या ग्राम सभा की बैठक बुलाएं, जिसमें उनके संदेश को जोर से पढ़ा जाए। पत्र में कहा गया है, ”यह अनुरोध किया जाता है कि गांव में पानी के संरक्षण पर चर्चा होनी चाहिए। मुझे आप सभी पर भरोसा है कि बारिश के पानी की हर बूंद को बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।” जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने कहा कि मंगलवार से पत्र का वितरण शुरू किया जाएगा।
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