पड़ोसी इस्लामिक देश पाकिस्तान में भारत के बंटवारे के बाद से ही हिन्दुओं पर इस्लामी दमन जारी है। कभी उस देश में कुल आबादी के लगभग 22 प्रतिशत हिन्दू हुआ करते थे जो आज सिर्फ 1.8 प्रतिशत रह गए हैं
पाकिस्तान की कुल पंजीकृत आबादी है 18,68,90,601, इनमें मुस्लिमों की संख्या पहुंची है 18,25,92,000 जबकि हिन्दू बचे हैं महज 22,10,566 यानी कुल आबादी में 1.8 प्रतिशत। उस देश में अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों को मिले हुए कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें वहां करीब 17 पांथिक समूह होने की बात की गई है।
यह जानकारी दी है पाकिस्तान के सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस की रिपोर्ट में, जिसे नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के डाटा के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान की कुल आबादी में सभी वर्गों के अल्पसंख्यकों की कुल आबादी 5 प्रतिशत से भी कम है और इन्हीं में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह बनाते हैं।
अथॉरिटी के अनुसार, गत मार्च तक पाकिस्तान में कुल दर्ज आबादी 18,68,90,601 में से मुस्लिमों की संख्या 18,25,92,000 है और इनमें से ज्यादातर कट्टर सुन्नी हैं। इस आबादी में बचे 1.8 प्रतिशत हिन्दुओं को ये फूटी आंख नहीं देख सकते लिहाजा आए दिन इस्लामवादी प्रशासन की शह पर उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेलों में बंद करा देते हैं, उनका जीना मुहाल कर देते हैं, उन्हें कन्वर्ट करते हैं, उनके दुकान-घर लूटते हैं, उनके मंदिरों को जलाते हैं, उनकी बेटियों को अगवा करके जबरन निकाह करते हैं, उन्हें गुलाम की तरह जीने को मजबूर करते हैं। सिंध सूबे में कट्टर इस्लामवादियों की यह हरकत कुछ ज्यादा ही देखने में आती रही है। सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे वीडियो वायरल होते हैं जिनमें जनजातीय समुदायों के हिन्दू रहम की भीख मांगते दिखते हैं।
इस्लामी देश पाकिस्तान में पांथिक तौर पर अल्पसंख्यक हिदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों की स्थिति बहुत दयनीय है। कट्टरपंथियों ने इनका जीना मुहाल किया हुआ है। पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून, जिसमें फंसा कर ये अल्पसंख्यकों को उम्रकैद या फांसी तक कराते आ रहे हैं
लगभग बंटवारे के बाद से ही पड़ोसी इस्लामी देश में हिंदू परिवारों की बालिग या नाबालिग लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। हाल की बात करें तो पिछले करीब एक माह में ही चार हिन्दू बेटियों को अगवा करके उनका जबरन कन्वर्जन करने के समाचार मिले हैं।
पाकिस्तान में पिछली तीन जनगणनाओं के आधार पर तैयार उक्त रिपोर्ट के अनुसार, जहां उस देश में 22,10,566 हिंदू हैं तो उनके अलावा अल्पसंख्यकों में 18,73,348 ईसाई, 1,88,340 अहमदिया, 74,130 सिख, 14,537 बहाई और 3,917 पारसी भी हैं। यानी देश में हिन्दुओं के अलावा देश में 11 अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हैं जिनके लोगों का आंकड़ा दो हजार की संख्या तक भी नहीं पहुंचता।
यह कोई छुपा तथ्य नहीं है कि इस्लामी देश पाकिस्तान में पांथिक तौर पर अल्पसंख्यक हिदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों की स्थिति बहुत दयनीय है। कट्टरपंथियों ने इनका जीना मुहाल किया हुआ है। इसका सबसे आसान हथियार है दुनिया भर में बदनाम हो चुका पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून, जिसमें फंसा कर ये अल्पसंख्यकों को उम्रकैद या फांसी तक कराते आ रहे हैं।
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