राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) जम्मू के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में महिला सशक्तिकरण ही नहीं, बल्कि महिला नेतृत्व सशक्तिकरण हो रहा है। आज दीक्षांत समारोह में तीन मेडल बेटियों ने हासिल किए हैं। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा में पहले तीन टॉप पोजीशन भी बेटियों ने हासिल की थी। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत में युवाओं की भूमिका को अहम बताते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र किया जिसमें भारत ज्ञान का केंद्र बनेगा।
राष्ट्रपति ने आईआईएम जम्मू व देश के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा कि वे अपने आसपास के इलाकों के गांवों व कस्बों को अपनाएं और बड़े लक्ष्य के लिए लोगों की क्षमता का इस्तेमाल करें, फिर चाहे उद्यमिता का क्षेत्र हो या रिसर्च या कौशल विकास का। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आईआईएम जम्मू, आईआईटी जम्मू, एम्स एकीकृत होकर कोर्स उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसमें एक इंस्टीट्यूट के विद्यार्थी दूसरे इंस्टीट्यूट का फायदा उठा सकते हैं। कोर्स व संस्थानों के बीच तालमेल ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मकसद है।
राष्ट्रपति कोविंद ने विद्यार्थियों से कहा कि आप सफल पेशेवर लोगों की दुनिया में जा रहे हो और इस दौरान आप एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे। मैं आप से आह्वान करता हूं कि आप अपनी जड़ों से हमेशा ही जुड़े रहना। समाज को वापिस करने में विफल मत होना। समाज ने ही आपको सफल व्यक्ति बनने के लिए मौका दिया है। भारत को ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए हमारे संस्थानों को भी बेहतर करना होगा।
समारोह में 214 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं, जिसमें 77 लड़कियां शामिल थीं। इनमें छात्रा सोनाली को चेयरपर्सन गोल्ड मेडल, श्रद्धा शुक्ला को डायरेक्टर सिल्वर मेडल, रफीक डागरा को चेयरपर्सन एमबीए ब्रांज मेडल दिया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया ने एमबीए में टॉप करने वाली छात्रा सोनाली को आईसीएसआई सिग्नेचर अवॉर्ड दिया। राष्ट्रपति ने आईआईएम जम्मू के डायवरसिटी सेल का उद्घाटन भी किया।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार दोपहर जम्मू पहुंचे थे। तकनीकी हवाई अड्डे जम्मू पर उनका स्वागत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जीएमसी जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने किया। हवाई अड्डे से वह सीधे राजभवन गए और उसके बाद आईआईएम जम्मू के पांचवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
राष्ट्रपति शुक्रवार सुबह श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जांएगे। राष्ट्रपति कोविन्द धर्म पत्नी के साथ विशेष हेलीकॉप्टर से सीधे मां वैष्णो देवी के बैटरी कार मार्ग पर बने पंछी हेलीपैड पर उतरेंगे। वहां से विशेष बैटरी कार में सवार होकर सीधे भवन के लिए रवाना हो जाएंगे। भवन में कुछ देर विश्राम के बाद राष्ट्रपति मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाकर विशेष पूजा-अर्चना कर देश की सुख-शांति की कामना करेंगे। इस दौरान हेलिकॉप्टर सेवा कुछ देर के लिए बाधित रहेगी और राष्ट्रपति के भवन पहुंचने के दौरान कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं को गुफा में पिंडी रूप में विराजमान मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए जाने नहीं दिया जाएगा।
मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन करने के उपरांत भवन में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा मां वैष्णो देवी की चुनरी के साथ ही प्रसाद तथा मां वैष्णो देवी का चित्र देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन में विजटर बुक पर अपने अनुभव लिखेंगे।
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