पश्चिम बंगाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) दिए बगैर प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेशानुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। बुधवार को ही न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने घटना की जांच सीबीआई को सौंपी थी। उसके बाद गुरुवार को केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में उस संदिग्ध चंदन मंडल उर्फ रंजन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है जिसने कथित तौर पर प्राथमिक शिक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये की उगाही की है।
सीबीआई के एक सूत्र ने गुरुवार को बताया है कि 86 लोगों को गैरकानूनी तरीके से प्राथमिक शिक्षक की नौकरी देने के दावे किए गए हैं। इसी मामले में चंदन मंडल उर्फ रंजन के बारे में जानकारी मिली है। उसे हिरासत में लेने की छूट हाईकोर्ट ने दी है इसलिए उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
बुधवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ खड़े हुए अधिवक्ता बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा था कि रंजन नामक जिस व्यक्ति के बारे में आरोप लगाए गए हैं उसका असली नाम चंदन मंडल है जो रुपये के एवज में प्राथमिक शिक्षक की नौकरी दिलाता रहा है। ऊपेन विश्वास ने इसी के बारे में बात की है। बिकास रंजन ने दावा किया है कि वह उत्तर 24 परगना के बागदा का रहने वाला है और उसके संपर्क पार्टी में ऊंचे स्तर तक है। इसी आधार पर उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी और यह भी मांग की थी कि सीबीआई उससे तत्काल पूछताछ करे। उसीक मुताबिक न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने जांच का आदेश केंद्रीय एजेंसी को दिया है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उसकी तलाश में सीबीआई की टीम है। खबर है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई को 15 जून के पहले जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करनी है इसीलिए खबर है कि उसके पहले ही रंजन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार करने वाले सीबीआई के पूर्व अधिकारी और ममता कैबिनेट में मंत्री रहे उपेन विश्वास ने इस संबंध में एक वीडियो जारी कर रंजन के बारे में खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि रंजन लोगों से सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी धनराशि की उगाही कर उसे कोलकाता में प्रभावशाली नेताओं को पहुंचाता था।
“गॉडफादर की गिरफ्तारी के बाद ही असली खेल खत्म होगा”, कहकर वीडियो को खत्म करने वाले उपेन विश्वास को हाईकोर्ट ने जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है। उन्होंने भी सारी जानकारियां केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को देने की सहमति दे दी है।
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