दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों की क्वाक्यूरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2023 में भारत के 41 शिक्षण संस्थानों ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1422 में जगह बनाई है। इनमें से सात संस्थानों को पहली बार सूची में स्थान मिला है। पिछले वर्ष यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के केवल 35 संस्थान ही शामिल थे। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय संस्थानों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरु देश का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान बन गया है। आईआईएससी ताजा वैश्विक रैंकिंग में ऑवर ऑल स्कोर 49.5 के साथ 155वें स्थान पर है। संस्थान ने पिछले साल से 31 स्थानों की छलांग लगाई है और भारतीय संस्थानों में पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे और आईआईटी दिल्ली ने शीर्ष 200 में जगह बनाई है। आईआईटी बॉम्बे पिछले साल की तुलना में पांच पायदान ऊपर गया है। वह 46.7 के साथ 172वें स्थान पर है। आईआईटी दिल्ली 46.5 के साथ 174वें स्थान पर है। आईआईटी दिल्ली ने 11 स्थान की छलांग लगाई है।
सभी चुनिंदा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने अपनी स्थिति में सुधार किया। शीर्ष 300 में अन्य में आईआईटी मद्रास (250 वां), आईआईटी कानपुर (264 वां) और आईआईटी खड़गपुर (270 वां) शामिल हैं। वहीं शीर्ष 400 में भारत के तीन आईआईटी हैं। आईआईटी रुड़की 369वें स्थान पर है, जबकि आईआईटी गुवाहाटी 384 और आईआईटी इंदौर 396 वें पायदान पर है।
दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। डीयू को इस साल 521-530 की रैंकिंग श्रेणी में स्थान दिया गया है। पिछले साल डीयू को 501-510 की श्रेणी में रखा गया था। अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई को 551-560 रैंकिंग श्रेणी में रखा गया है। आईआईटी संगारेड्डी को 581-590 वें रैंकिंग में रखा गया है। जेएनयू को 601-650 वें रैंकिंग श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछले वर्ष यह 561-570 श्रेणी में शामिल था।
आईआईटी बीएचयू वाराणसी को 651-700 रैंकिंग में स्थान मिला है। 701-750 की रैंकिंग में जाधवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता को स्थान दिया गया है। मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी (माहे) और हैदराबाद विश्वविद्यालय को 751-800 में स्थान दिया गया है। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय (801-1,000) नई प्रविष्टियों में सबसे कम उम्र का है, जिसकी स्थापना दस साल से भी कम समय पहले हुई थी। इसके अलावा 801-1000 रैंकिंग में आईआईटी भुवनेश्वर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) तिरुचिरापल्ली, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन, कोलकाता विश्वविद्यालय में शामिल है।
1001-1200 रैंकिंग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, अमृता विश्वा विद्यापीठम अमृतपुरी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी, सत्यभामा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई, शिक्षा ओ अनुसंधान यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर, थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पटियाला, मुंबई विश्वविद्यालय, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल हैं। इस साल की क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग अब तक की सबसे बड़ी है, जिसमें सौ स्थानों पर 1,418 संस्थान हैं, जो पिछले साल के 1,300 से अधिक है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) लगातार 11वें साल दुनिया में नंबर एक पर है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय दूसरे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय संस्थानों को बधाई देते हुए ट्वीट किया, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने जगह बनाई है। सभी विश्वविद्यालयों को मेरी बधाई। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी दिल्ली को उनकी अकादमिक उत्कृष्टता और लगातार शीर्ष 200 की वैश्विक लीग में शामिल होने के लिए बधाई।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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