दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को 13 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। सत्येंद्र जैन को ईडी की हिरासत में भेजने के कोर्ट के आदेश के बाद जब सत्येंद्र जैन कोर्ट रूम से बाहर निकले तो उनकी तबीयत बिगड़ गई।
सत्येन्द्र जैन को सांस लेने में तकलीफ होने पर राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन को कई बीमारियां हैं। उन्हें कोरोना हुआ था। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को डिस्पेप्सिया की बीमारी है और ईडी की जांच के तरीके से परेशान हैं।
सुनवाई के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन की पांच दिनों की हिरासत की मांग की। ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि अभी इस मामले में दूसरे लाभार्थियों का पता लगाया जाना बाकी है। सत्येंद्र जैन की हिरासत की ईडी की मांग का विरोध करते हुए सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि नौ दिनों की पूछताछ में भी ईडी हिरासत मांग रही है जिसका मतलब है कि उसने पूछताछ के लिए दिए गए समय का उपयोग नहीं किया। ईडी जबरन गुनाह कबूल करवाना चाहती है।
31 मई को कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन को आज तक की ईडी हिरासत में भेजा था। सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया। ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री ऑपरेटर्स तक पहुंचा। ये एंट्री ऑपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थीं। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।
कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा था कि क्या आप 2015-17 के लेनदेन की बात कर रहे हैं। तब मेहता ने कहा था कि हां। मेहता ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया। मेहता ने कहा था कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं, इस पैसे से किसको लाभ हुआ इसका पता लगाना है। उन्होंने कहा था कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है।
सत्येन्द्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं। हरिहरन ने कहा था कि ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है। उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है। 5-6 बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए। हरिहरन ने कहा था कि सह-आरोपी कुछ भी कर सकता है उसके लिए आरोपी जिम्मेदार नहीं है। सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी का पैसा हवाला के जरिये गया। सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया। उनका बैंक खाता सीज किया गया। हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था। ईडी के पास जांच करने के लिए सबकुछ है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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