चीन सरकार ने इस हफ्ते के शुरू में अपने देश में किशोरों या नाबालिगों के शरीर पर टैटू बनवाने पर सख्त पाबंदी लगा दी है। अब से इस कम्युनिस्ट देश में 18 साल से कम उम्र के बच्चे अपने शरीर पर किसी भी तरह का टैटू नहीं बनवा पाएंगे। चीन के लोक मामले मंत्रालय ने इस बात की घोषणा की है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने यह नहीं कहा है कि आगे से इस फैसले पर अमल किया जाए, बल्कि कहा गया है कि अगर कोई पहले से टैटू बनवाए हुए है और इस आदेश के बाद उसे हटवाना चाहता है तो उसे इसके लिए डाक्टरी मार्गदर्शन दिया जाएगा।
आखिर यह अजीबोगरीब फैसला लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी? सरकार की ओर से बताई गई वजह यही है कि इससे समाजवाद के मूल्यों को ठेस लगती है। चीन की सरकार ने आम जनता और स्कूलों से भी कहा है कि वे बच्चों को टैटू बनवाने से रोकें। जिनपिंग की सरकार ने टैटू बनाने वालों और टैटू बनवाने की दुकानों को सख्त सलाह दी है कि यदि कोई भी किशोरों के शरीर पर टैटू बनाता पाया गया तो उसे कानून के अनुसार, सख्त सजा दी जाएगी।
टैटू पर पाबंदी को लेकर सरकार का यह भी कहना है कि यह निर्णय ‘पर्सनल गवर्नेंस ऑफ माइनर्स’ के तहत लिया गया है। इसके लिए चीन की कैबिनेट ने कई सरकारी विभागों, विशेष रूप से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की युवा शाखा और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ रेडियो, फिल्म और टेलीविजन की सलाह पर नियमों का पूरा खाका बनाया हुआ है। मंत्रालय ने फैसले से पहले सीपीसी के प्रचार—प्रसार विभाग, सुप्रीम कोर्ट, जनसुरक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से भी सहमति ली है।
चीन में जिस प्रावधान के तहत यह फैसला लिया गया है, उसके मुताबिक ‘राज्य, समाज, स्कूल और परिवारों को नाबालिकों को शिक्षित करना चाहिए और समाजवाद के मौलिक मूल्यों की स्थापना और इस्तेमाल में उनकी मदद करनी चाहिए। उन्हें टैटू से होने वाले नुकसान के बारे में समझाना चाहिए, इसको लेकर उनकी जागरूकता बढ़ानी चाहिए जिससे कि वे स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकें। उन्हें तर्क के आधार पर टैटू बनवाने से मना कर दें।
यह निर्णय सबसे पहले शंघाई में लगाया गया है। वहां सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि कोई भी ‘उद्यम, संगठन या व्यक्ति नाबालिगों को टैटू सेवा नहीं देगा और नाबालिगों को टैटू बनवाने के लिए मजबूर, प्रेरित या उकसाने की कोशिश नहीं करेगा।’ इस नियम के तहत टैटू पार्लरों को उनसे पहचान मांगनी होगी। यानी सरकार इस कानून को लेकर बहुत ही गंभीर है।
दिलचस्प बात है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का यह टैटू-विरोध सिर्फ नाबालिगों तक सीमित नहीं है। उसने खिलाड़ियों और सेलिब्रिटीज को भी निशाना बनाया है। दिसंबर 2021 में चीन सरकार ने देश की फुटबॉल टीम से साफ कहा था कि या तो खिलाड़ी टैटू को ढक लें या उसे मिटाकर समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश करें। इनके अलावा, जिन कलाकारों ने शौकिया टैटू बनवाए हुए हैं, उन्हें चीन के सरकारी टेलीविजन चैनलों पर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है। चीन के गांसू राज्य में तो टैक्सी ड्राइवरों को भी टैटू हटाने के लिए कहा गया है।
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