जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि मुफ्ती वलीउल्लाह के लिए इंसाफ मांगने वो हाईकोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि ब्लास्ट के इस आरोपी को फांसी की सजा देना नाइंसाफी है।
अरशद मदनी ने कहा कि मुफ्ती वलीउल्लाह को संकट मोचन मंदिर में ब्लास्ट करने पर गाजियाबाद सेशन अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। हमारा तर्क है कि आरोपी बेकसूर है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गुजरात के अक्षर धाम घटना के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी किया था वैसे ही मुफ्ती को भी वो इंसाफ दिलाने के लिए हाईकोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि आरोपी को न्याय नहीं मिला है।
ज्ञानवापी प्रकरण में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में 1947 की स्थिति बरकरार रखने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। गर्मियों के अवकाश के बाद कोर्ट उक्त अर्जी पर सुनवाई करेगा। उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद, बाबरी मस्जिद मसले में भी एक पक्ष था। पूजा स्थल अधिनियम 1991, इबादतगाह कानून आदि विषयों पर हम उच्चतम न्यायालय में अपनी बात कहेंगे। उन्होंने कहा देश में माहौल बिगाड़ने के लिए कुछ ताकतें काम कर रही हैं, जिसके लिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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