जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाओं के बीच खीर भवानी यात्रा शुरू हो चुकी है। कोरोना के कारण दो साल बाद गांदरबल के खीर भवानी मंदिर में आज मेला लग रहा है। इस मेले में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या श्रद्धालु गांदरबल पहुंचे हैं। इस दौरान जम्मू से कश्मीरी हिन्दू माता खीर भवानी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बता दें कि कोरोना काल में खीर भवानी यात्रा दो साल तक बंद रही थी, लेकिन इस साल यात्रा शुरू होने से पहले टारगेट किलिंग की घटनाओं ने कश्मीरी हिन्दुओं में भय पैदा करने की कोशिश की। लेकिन इस सबके बावजूद कश्मीरी हिन्दू परिवार गांदरबल पहुंच रहे हैं।
घाटी में आतंक के माहौल के बीच मंगलवार को 250 श्रद्धालु बस से खीर भवानी मंदिर पहुंचे. इनमें ज्यादातर प्रवासी कश्मीर पंडित शामिल हैं. ये सभी मंगलवार को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में खीर भवानी मंदिर में दर्शन करने के लिए सरकारी बसों के बेड़े में जम्मू से रवाना हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. COVID-19 के प्रकोप के कारण ये मेला करीब दो साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है.
इन स्थानों पर लगता है खीर भवानी मेला
जम्मू में एक और कश्मीर में पांच मंदिरों में खीर भवानी के मेलों का आयोजन किया जाता है। इसमें जम्मू संभाग के जानीपुर तो कश्मीर घाटी के गांदरबल के तुलमुला, कुलगाम के मंजगाम व देवसर में, अनंतनाग के लोगरीपोरा और कुपवाड़ा के टिक्कर में मेले का आयोजन होता है। इनमें से विशाल चिनार के पेड़ों की छाया में बसे तुलमुला के खीर भवानी मंदिर में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों में बसे कश्मीरी हिन्दू और श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं।
कश्मीरी हिन्दुओं की कुल देवी हैं माता
श्रीनगर से करीब 25 किलोमीटर दूर तुलमुला गांव में प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अष्टमी पर यहां प्राचीन काल से मेला लगता आया है। कश्मीरी हिन्दुओं में माता खीर भवानी को कुल देवी माना जाता है। दुनिया में जहां कहीं भी कश्मीरी हिन्दू हैं, वह ज्येष्ठ माह की अष्टमी को यहां पहुंचने का प्रयास करते हैं।
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