पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ जमीयत पहुंची सुप्रीम कोर्ट
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ जमीयत पहुंची सुप्रीम कोर्ट

by WEB DESK
Jun 7, 2022, 06:42 pm IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ज्ञानवापी मस्जिद मामला और पूजास्थल अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर गर्मी के अवकाश के बाद सुनवाई की उम्मीद है।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद का मामला वाराणसी जिला न्यायालय में लंबित है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में एक से अधिक ऐसी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें न्यायालय को पूजा स्थल अधिनियम (प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट) को असंवैधानिक घोषित करने के लिए कहा गया है। वर्ष 2020 में पूजा स्थल अधिनियम को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिसमें से एक याचिका को न्यायालय ने क़ुबूल करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। यह याचिका भारतीय जनता पार्टी के अश्विनी कुमार उपाध्याय एडवोकेट ने दायर की थी, जिसका नंबर सिविल रिट याचिका 1246/2020 है।

उक्त याचिका का विरोध करने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एजाज मकबूल के जरिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिस पर गर्मी के अवकाश के बाद सुनवाई होने की उम्मीद है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर इस हस्तक्षेप याचिका में लिखा गया है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद मामले में एक प्रमुख पक्षकार थी। इसमें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की धारा 4 को स्वीकार कर लिया गया है और इस कानून की संवैधानिक स्थिति को सर्वोच्च न्यायालय ने भी मान्यता दी है। इसलिए अब इस क़ानून को चुनौती देकर एक बार फिर देश की शांति भंग करने का प्रयास किया जा रहा है।

याचिका में आगे कहा गया है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 को लागू करने के दो उद्देश्य थे। पहला उद्देश्य था किसी भी धार्मिक स्थल के परिवर्तन को रोकना और दूसरा उद्देश्य पूजा स्थलों को उसी हालत में रखना था, जिस स्थिति या रूप में वे 1947 में थे। इन दोनों उद्देश्यों को बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद मामले के फैसले में अदालत ने बरकरार रखा गया था। याचिका में कहा गया है कि प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट भारत के संविधान की मूल संरचना को मजबूत करता है। इसका उल्लेख बाबरी मस्जिद मामले के फैसले में किया गया है। (पैराग्राफ 99, पृष्ठ 250) और इस क़ानून की रक्षा करना धर्मनिरपेक्ष देश की जिम्मेदारी है।

बाबरी मस्जिद मामले के फैसले में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने पूजा स्थल अधिनियम का विस्तृत विश्लेषण किया है, जिसके अनुसार यह कानून भारत के संविधान की नींव को मजबूत करने के साथ-साथ इसकी रक्षा भी करता है और इसकी धारा 4 पूजा स्थलों के रूपांतरण पर रोक लगाती है। यह कानून बनाकर सरकार ने सभी धर्मों के लोगों के पूजा स्थलों की रक्षा करने की संवैधानिक जिम्मेदारी ली है।

इस सम्बंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कानूनी सहायता समिति के प्रमुख गुलजार आजमी ने कहा कि 18 सितंबर, 1991 को पूजा स्थल अधिनियम पारित किया गया था, जिसके अनुसार 15 अगस्त, 1947 को मिली स्वतंत्रता के समय धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उनको बदला नहीं जा सकता। केवल बाबरी मस्जिद विवाद को इस कानून से बाहर रखा गया, क्योंकि मामला पहले से ही विभिन्न अदालतों में लंबित था।

Topics: National Newsराष्ट्रीय समाचारPlace of Worship Actपूजा स्थल अधिनियमजमीयत पहुंची सुप्रीम कोर्टJamiat reached Supreme Court
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वक्फ बोर्ड

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक: मुस्लिम समुदाय के उज्जवल भविष्य की कुंजी

14000 फीट की ऊंचाई पर शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा का अनावरण : लद्दाख में भारत का चीन को कड़ा संदेश

चुनाव जीतने को केजरीवाल दिल्ली में फर्जी वोटों की राजनीति कर रहे हैं : वीरेंद्र सचदेवा

हंगामे के बीच राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

अपनी जड़ों से जुड़े रहने वाले राष्ट्र विकास और राष्ट्र निर्माण में आगे बढ़ते हैं : नरेन्द्र मोदी

सुशासन का प्रतीक बन रही हैं भाजपा की डबल इंजन की सरकारें : प्रधानमंत्री मोदी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies