ऑस्ट्रेलिया के एक न्यायालय ने गूगल पर करीब 4 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोका है। जुर्माने की यह राशि हर्जाने के रूप में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई सांसद को देने के निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने कल गूगल को देश के एक पूर्व सांसद को 515,000 अमेरिकी डॉलर भुगतान करने का आदेश दिया है। बताते हैं, यूट्यूब ने एक यूट्यूबर के नस्लवादी, अपमानजनक और मानहानि करने वाले वीडियो को अपने प्लेटफार्म से हटाने से मना कर दिया था, जिससे पूर्व सांसद के राजनीति कैरियर को ठेस पहुंची और कैरियर खत्म हो गया।
न्यायालय ने माना कि यूट्यूब पर डाले गए एक वीडियो से ऑस्ट्रेलिया के सांसद जॉन बारिलारो की छवि पर धब्बा लगा। संघीय अदालत ने पाया कि गूगल ने जानबूझकर अपनी यूट्यूब वेबसाइट पर दो वीडियो के जरिए पैसा कमाया। 2020 में उस वीडियो के पोस्ट किए जाने के बाद से उसे लगभग 800,000 बार देखा जा चुका है।
अदालत ने यह भी माना कि कंटेंट क्रिएटर जॉर्डन शैंक्स ने वीडियो अपलोड किए थे, जिसमें वह भरोसेमंद सबूतों का हवाला दिए बिना बार-बार पूर्व सांसद जॉन बारिलारो को भ्रष्ट बताते रहे। जज स्टीव रेरेस ने माना कि ये अभद्र भाषा से कम नहीं है।” कंटेंट को बनाए रखकर गूगल ने सार्वजनिक क्षेत्र के व्यक्तित्वों को गलत तरीके से निशाना बनने देने के उद्देश्य से अपनी नीतियों तक का उल्लंघन किया। इससे पूर्व सांसद बारिलारो को सार्वजनिक जीवन में उनकी सेवा से समय से पहले हटा दिया गया था, जिससे उन्हें काफी मानसिक ठेस पहुंचाई गई।
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि गूगल ने वीडियो से मानहानि होने के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यूट्यूबर को ईमानदारी से राय रखने का अधिकार था। यूट्यूब ने कहा कि उसके किसी राजनेता की आलोचना करने के अधिकार को संरक्षित किया जाना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया इस बात की समीक्षा कर रहा है कि मानहानि करने वाली पोस्ट के लिए एक्सपोज़र प्लेटफ़ॉर्म कौन से होने चाहिए? 2021 में ऐसा ही एक ऐतिहासिक मामला आया था, जब एक अखबार को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक लेख के नीचे पाठकों की अपमानजनक टिप्पणियों के लिए उत्तरदायी पाया गया था। उस समय फेसबुक को को देश में अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति को कम करने के लिए कहा गया था।
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