पाञ्चजन्य में प्रकाशित खबर का असर
झारखंड में खूंटी जिले के कमडा गांव के आरसी चर्च में 12 बच्चों को ईसाई बनाने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो गई है। बता दें कि इसका समाचार 3 जून को पाञ्चजन्य में प्रकाशित हुआ था। उस समाचार को देखते हुए ही राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने खूंटी के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था।
आखिर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के हस्तक्षेप के बाद खूंटी जिले के कमडा गांव के आरसी चर्च के उन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो गई, जिन पर 12 बच्चों को ईसाई बनाने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने पाञ्चजन्य में छपी खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए खूंटी के पुलिस अधीक्षक अमन कुमार को पत्र लिखकर आरसी चर्च के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को कहा था। पत्र में यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ समय से खूंटी जिले के अनेक गांवों में कन्वर्जन की सूचना मिल रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नाबालिग बच्चों के कन्वर्जन का मामला प्रथम दृष्टया जूविनाइल जस्टिस की धाराओं का उल्लंघन होता दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही झारखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2017 के तहत किए गए प्रावधान का भी उल्लंघन है। इस मामले को गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि गत दिनों खूंटी जिले के कमडा गांव में 12 नाबालिग बच्चों को ईसाई बना दिया गया था। उन नाबालिगों के नाम हैं— मसखु गुड़िया, सोमा गुड़िया, दिनेश बरला, ज्योति बरला, कुंवरी बरला, सुमन गुड़िया, कुशल गुड़िया, सागेन गुड़िया, अनिता गुड़िया, शांति बरला, रंजीत बरला और रोशन बरला। ये सभी गांव कमडा, थाना तपकरा, जिला खूंटी के रहने वाले हैं।
इसमें तोरपा स्थित आरसी चर्च का नाम आया था। कन्वर्जन की इस घटना के बाद तपकरा थाने के कई गांवों के लोगों में भारी गुस्सा है। पिछले दिनों ‘सरना धर्म सोतो समिति’ के तत्वावधान में एक बैठक हुई थी। इसमें ग्रामीणों ने कन्वर्जन के विरुद्ध गुस्सा जताया और प्रशासन से मांग की कि कन्वर्जन को पूरी तरह रोका जाए, नहीं तो लोग सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। इसके बाद कमड़ा सिरका टोली के ग्राम प्रधान ने एसडीओ को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में स्थानीय आरसी चर्च पर लोभ और प्रलोभन देकर कन्वर्जन का आरोप लगाया गया था। इसके बावजूद आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पत्र के बाद खूंटी प्रशासन हरकत में दिखाई दे रहा है। खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि मामला कन्वर्जन का ही था। इसके लिए संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज करा दिए गए हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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