राज्यसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में घमासान शुरू होते ही सत्तापक्ष महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक और छोटी पार्टियां नाराजगी जताने लगी हैं। इससे बौखलाहट इतनी बढ़ गयी कि शिवसेना नेता और राज्यसभा प्रत्याशी संजय राउत ने चुनाव टालने की मांग कर डाली। शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि उन्हे हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका है और कोई खरीद-फरोख्त न हो, इसलिए वे चुनाव ही स्थगित करना चाहते हैं।
महाविकास आघाड़ी की सरकार को समर्थन देनेवाली मुंबई की बहुजन विकास आघाड़ी अब राज्यसभा चुनाव में सत्तापक्ष को समर्थन देगी, इसकी संभावना कम है। उसके तीन विधायक हैं। शिवसेना मुंबई में बहुजन विकास आघाड़ी के विरोध में हरबार होड़ में रहती है। बहुजन विकास आघाड़ी के हितेंद्र ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि कोई पार्टी समर्थन निश्चित न समझे। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धनंजय महादिक और हितेंद्र ठाकुर के बीच एक बैठक हो चुकी है।
सरकार को समर्थन देनेवाली दूसरी छोटी पार्टी समाजवादी पार्टी के मुखिया अबू आझमी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिख कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। समाजवादी पार्टी के दो विधायक हैं। अबू आझमी ने अपने खत में लिखा है कि मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण, वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन, मौलाना आजाद फाइनेंस कार्पोरेशन की नियुक्ति, हज कमेटी के सीईओ की नियुक्ति, उर्दू अकादमी और अल्पसंख्यक विकास जैसे अनेक मामलों में जो सुझाव उन्होंने दिए थे उस पर सरकार ने ढाई साल में कोई कार्रवाई नहीं की। हाल ही में उद्धव ठाकरे अपने भाषण में नवहिेंदुत्व का मुद्दा उठा कर शिवसेना का हिंदुत्व गदाधारी होने की बात कह रहे हैं। इसका जिक्र करते हुए अबू आझमी ने इस खत में सवाल किया है कि क्या यह आपकी सरकार सेक्युलर है या फिर सरकार का चेहरा हिंदुत्त्व का है ?
यह भी गौर करने लायक बात है कि इस खत में उन्होंने पूछा है कि इस खत का जबाब मिलेगा या नहीं ?निर्दलीय विधायकों में भी अब पुनर्विचार चल रहा है। चंद्रपुर के निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार ने संजय राउत द्वारा बार-बार हॉर्स ट्रेडिंग का जिक्र आने पर आपत्ति जताई है। जोरगेवार शिवसेना प्रत्याशी संजय पवार के अनुमोदक हैं। बार-बार हॉर्स ट्रेडिंग की बात दोहराने से निर्दलीय विधायकों पर अपने चुनावक्षेत्र में बुरा असर पड़ सकता है और छवि खराब हो सकती है, ऐसा उनका कहना है। अगर बार-बार हॉर्स ट्रेडिंग की बात संजय राउत करते रहे तो निर्दलीय विधायकों को शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अलग सोचना पड़ेगा, ऐसा उन्होंने कहा है।
बाहरी उम्मीदवार देने से कांग्रेस के अंदर भी नाराजगी बढ़ गयी है। बढ़ती नाराजगी और फिसलते समीकरण को देखने के बाद शिवसेना और महाविकास आघाड़ी में बौखलाहट बढ़ गयी है। आसान दिखनेवाले समीकरण अब मुश्किल लग रहें हैं। इसलिए संजय राऊत ने भाजपा पर आरोप लगाना शुरू किया है। हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका जताते हुए राज्यसभा चुनाव टालने की मांग कर डाली है। यह मांग करना सत्तापक्ष की बेचैनी को दिखाता है।
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