पंजाब में 424 लोगों की सुरक्षा वापिस ले कर देश में वीआईपी संस्कृति खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम बता कर अपनी पीठ थपथपाने वाली पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की पोल अदालत में खुल गई। सरकार ने अदालत को बताया कि इन लोगों की सुरक्षा अस्थाई तौर पर वापिस ली गई थी। ज्ञात रहे कि सुरक्षा वापिस लिए जाने के बाद अगले ही दिन पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाल की हत्या होने के बाद भगवन्त मान की सरकार इस मुद्दे पर चारों ओर से घिरी हुई है और अदालत ने आज उसकी परेशानी और बढ़ा दी है। सरकार पर आरोप है कि उसने संवेदनशील राज्य में इस गुप्त फैसले को सार्वजनिक कर उन लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाला जिनकी सुरक्षा वापिस ली गई थी।
424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने के फैसले पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। इसके बाद बैकफुट पर आई मान सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सभी की सुरक्षा अस्थायी तौर पर वापस ली गई थी। अब सात जून तक सुरक्षा बहाल कर दी जाएगी। साथ ही सुरक्षा मामले में जवाब देने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट ने अधिक मोहलत मांगी है।
400 से अधिक वीआईपी की सुरक्षा घटाने के मामले में पंजाब सरकार ने सील बंद रिपोर्ट पेश की। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि 6 जून तक के लिए अस्थायी तौर पर सुरक्षा वापस ली गई थी। 7 जून तक यह सुरक्षा वापस दे दी जाएगी। इस दौरान कुछ वीआईपी द्वारा कहा गया कि उन्हें ज्यादा खतरा है इसलिए तुरंत उनकी सुरक्षा वापस दी जाए। इस पर कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि तुरंत सुरक्षा चाहिए तो इसके लिए वह भुगतान करें। पंजाब सरकार ने सील बंद रिकॉर्ड सौपने के बाद इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए मोहलत मांगी। इसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।
सुरक्षा घटाए जाने के अगले ही दिन प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो जाने के कारण चौतरफा आलोचना का सामना कर रही पंजाब सरकार ने बुधवार को 40 वीआईपी के सुरक्षा कवर को वापस लागू कर दिया था। हालांकि इस बार सुरक्षा कवर वापस करते समय सरकार ने यह एहतियात बरती कि किसी भी वीआईपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
सरकार ने अब सुरक्षा कवर हासिल किए प्रत्येक वीआईपी के खतरे की मासिक आधार पर समीक्षा करने का फैसला किया है। यह भी फैसला लिया गया है कि राज्य में जितने भी वीआईपीज द्वारा खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की जा रही है, उन्हें तत्काल सुरक्षा कवर मुहैया कराया जाए और उस संबंध में छानबीन बाद में की जाए। बुधवार को जिन 40 वीआईपीज की घटाई गई सुरक्षा को फिर से पूरा कर दिया गया है, उनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिन्हें गैंगस्टरों से जान का खतरा है।
अफसरों पर ठीकरा फोडऩे की तैयारी, पूछा- सुरक्षा घटाने के आधार क्या थे?
पंजाब सरकार ने जिस समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर 424 लोगों की सुरक्षा में कमी की थी, उसके बारे में भी संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब कर लिया है कि उन्होंने किस आधार पर सुरक्षा घटाने की सिफारिश की थी। उल्लेखनीय है कि सिद्धू मूसेवाला को गैंगस्टरों से खतरे की पहले से जानकारी थी और इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने भी पंजाब पुलिस को फीडबैक दिया हुआ था। इसके बाद भी मूसेवाला की सुरक्षा में तैनात 10 गनमैन को घटाकर पहले 4 किया गया और फिर 2 गनमैन कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने अफसरों को वह मैकेनिज्म बताने का कहा है, जिसके आधार पर सुरक्षा बढ़ाने, घटाने या वापस लेने की सिफारिश की जाती रही है। सरकार के इस प्रयास को अपनी गलती का ठीकरा अफसरों से सिर फोडऩे के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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