जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार कश्मीरी हिन्दुओं को निशाना बना रहे हैं। इसी डर के चलते 100 विस्थापित कश्मीरी हिंदू परिवारों के कश्मीर छोड़ जम्मू में लौटने की खबर है। लेकिन राज्य प्रशासन किसी भी हिंदू परिवार के कश्मीर छोड़ने की पुष्टि नहीं कर रहा है।
कर रहे सुरक्षा का प्रबंध
राज्य प्रशासन के अनुसार कश्मीर के विभिन्न इलाकों में रह रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों, उनके परिजनों एवं अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जा रहा है। लेकिन इस सबके बावजूद हाल ही में आतंकियों ने टारगेट किलिंग की सात वारदातों को अंजाम दिया है। इनमें तीन निहत्थे पुलिसकर्मी तो तो तीन हिंदू नागरिक गए। मारे गए तीन हिंदू नागरिकों में राहुल भट्ट, रंजीत सिंह और सांबा की रहने वाली अध्यापिका रजनी बाला शामिल हैं। बता दें कि रजनी बाला की हत्या बीते मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के गोपालपोरा में स्कूल के बाहर हुई है। खबरों के अनुसार दक्षिण कश्मीर के वेस्सु कुलगाम में स्थित ट्रांजिट कालोनी में लगभग 100 परिवार ही शेष रह गए हैं,अन्य सभी जम्मू चले गए हैं। शेखपोरा बडगाम से भी कुछ कश्मीरी हिंदू परिवार जम्मू गए हैं। श्रीनगर के बटवारा से भी कश्मीरी हिंदू परिवारों के अलावा जम्मू प्रांत के कश्मीर में तैनात कर्मचारी अपने परिवार समेत घाटी से बाहर चले गए हैं।
हत्यारों को देंगे सजा
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार का इन घटनाओं पर कहना है कि कश्मीरी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की कालोनियों और बस्तियों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। जो भी आतंकी टारगेट किलिंग में शामिल रहा है, वह मारा गया है। रजनी बाला के हत्यारों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा या फिर वह मारे जाएंगे।
हाल की घटनाएं
2 जून 2022: आतंकियों ने कुलगाम में इलाकाही देहाती बैंक के मैनेजर विजय कुमार पर आरेह इलाके में हमला किया। आतंकी ने उन पर गोलियां बरसाईं और फरार हो गए। आनन—फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
31 मई 2022: दक्षिण कश्मीर के गोपालपोरा में स्कूल के बाहर सांबा की रहने वाली रजनी की आतंकियों ने हत्या कर दी।
17 मई 2022: आतंकियों ने बारामुला जिले के दीवान बाग इलाके में नई खुली शराब की दुकान पर ग्रेनेड फेंक दिया था। इस हमले में 52 साल के रंजीत सिंह की मौत हो गई और तीन लोग बुरी तरह से घायल हुए।
12 मई 2022ः सरकारी कर्मचारी राहुल भट को आतंकवादियों ने बड़गाम के चडूरा तहसील कार्यालय के अंदर गोली मार दी।
13 अप्रैल 2022ः कुलगाम में आतंकवादियों ने खुलेआम गोलीबारी करते हुए सतीश कुमार सिंह राजपूत को मौत के घाट उतार दिया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। काकरां के रहने वाले सतीश पेशे से ड्राइवर थे। इस घटना के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए ‘काफिर के नाम एक पत्र’ लिखते हुए कहा कि कश्मीरी हिंदू या तो घाटी छोड़ें या उन्हें मार दिया जाएगा।
4 अप्रैल 2022ः बाल कृष्ण भट को शोपियां में उनके घर के पास एक आतंकी ने मार दिया।
17 अक्टूबर 2021ः बिहार के अरविंद कुमार साह को भी आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया था। अरविंद घाटी में गोल गप्पे की रेहड़ी लगाते थे।
7 अक्टूबर 2021ः स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और एक कश्मीरी हिन्दू शिक्षक दीपक चंद को श्रीनगर के सरकारी स्कूल के अंदर मार दिया गया।
5 अक्टूबर 2021ः श्रीनगर के इक़बाल पार्क में बिंद्रू मेडिकल स्टोर के मालिक कश्मीरी हिन्दू माखन लाल बिंद्रू को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी दिन बिहार के वीरेंद्र पासवान, जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे, उन्हें भी आतंकियों ने मार दिया। वह श्रीनगर में चाट का ठेला लगाया करते थे।
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