इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अहतर मिनल्लाह ने कहा कि अगर सरकार गुमशुदा लोगों को नहीं ढूंढ पाती है, तो प्रधानमंत्री सहित तमाम पूर्व प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों को अदालत में पेश होने को कहा जाएगा
पाकिस्तान के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने आशा के विपरीत एक ऐसा निर्देश जारी किया है जिससे न सिर्फ मौजूदा सरकार सकते में आ गई है, बल्कि मुशर्रफ के जमाने से रहीं तमाम पूर्व सरकारों के नेता भी हैरान हैं। अदालत ने कहा है कि पिछली सरकारों के साथ ही वर्तमान शरीफ सरकार जल्द से जल्द गायब हुए लोगों की खोज करे। अदालत ने साफ तौर पर लोगों के गायब होने के पीछे हुकूमतों को कठघरे में खड़ा किया है।
उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान की सभी सरकारों ने जो दमनकारी रवैया अपनाए रखा उसकी बदौलत सबसे ज्रूज्ञदा लोग वहीं से अगवा किए गए हैं। जिसने भी इस्लामाबाद की कुर्सी के विरुद्ध आवाज उठाई उसे सैनिक जबरन उठाकर ले जाते रहे हैं। उनके परिजन फिर कभी उनके बारे में कुछ सुन तक नहीं पाते कि वे कहां गए। अब तक वहां से हजारों कॉलेज के छात्र—छात्राएं, सामाजिक—राजनीतिक कार्यकर्ता और बलूच मानवाधिकारकर्मी अगवा किए जा चुके हैं।
कल आए एक फैसले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि 1999 यानी परवेज मुशर्रफ के वक्त से ही लोगों के गायब होने का सिलसिला चला आ रहा है। इसकी वजह से अब तक 5 हजार से 8 हजार तक लोग गायब हो चुके हैं। अदालत के अनुसार, ये सभी लोग राजीनितक वजहों से गायब हुए हैं। यही कारण है कि अदालत ने सिर्फ आज की शाहबाज शरीफ सरकार ही नहीं, बल्कि पिछली सभी सरकारों को इसका जिम्मेदार ठहराया है।
याचिका में संदेह जताया गया था कि इन्हें अफगानिस्तान संघर्ष और वहां अमेरिकी कार्रवाइयों में राजनीतिक कारणों से पकड़ा गया था। लेकिन अदालत ने तो सरकारों तक को लपेटा है।
अदालत में जज अहतर मिनल्लाह इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं जो मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन मजारी ने दायर की थी। अदालत ने सख्त अंदाज में कहा है कि जो भी लोग गायब हुए हैं, उन्हें ढूंढकर उनके परिवारों से मिलाया जाए।
दिलचस्प बात यह है कि अदालत ने जिस याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकारों को भी इसके दायरे में लिया है, जबकि शिरीन मजारी ने याचिका सरकार, सेना और आईएसआई के विरुद्ध दायर की थी। याचिका में संदेह जताया गया था कि इन्हें अफगानिस्तान संघर्ष और वहां अमेरिकी कार्रवाइयों में राजनीतिक कारणों से पकड़ा गया था। लेकिन अदालत ने तो सरकारों तक को लपेटा है।
माना जाता है कि इनमें से कई लोग क्यूबा के ग्वाटेनामो-बे की जेल में बंद हैं। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अहतर मिनल्लाह ने कहा कि अगर सरकार गुमशुदा लोगों को नहीं ढूंढ पाती है, तो प्रधानमंत्री सहित तमाम पूर्व प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों को अदालत में पेश होने को कहा जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, गायब होने वाले लोगों में बलूचिस्तान के कार्यकर्ता सबसे ज्यादा हैं। ये लोग अपने क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर के विरोध प्रदर्शनों में शामिल थे। इनका मानना है कि चीन के लोग बलूचिस्तान के संसाधनों का अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। वहां के बेरोजगारों को ताक पर रखा गया है।
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