काशी में ज्ञानवापी के बाद अब बिंदु माधव धरहरा में मुस्लिमों के नमाज न पढ़ने को लेकर वाद दाखिल हुआ है। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आकाश वर्मा की अदालत में मंगलवार को गायघाट निवासी अतुल कुल समेत पांच लोगों ने याचिका दायर कर मुसलमानों के नमाज पर प्रतिबंध के साथ पूजन की अनुमति मांगी है। सादिक अली, मुन्ना और जमाल को प्रतिवादी बनाया गया है। बताया जाता है कि पंचगंगा घाट पर बिंदु माधव का मंदिर था। औरंगजेब ने कुछ हिस्सों को नष्ट कर चबूतरा बना दिया था, जिसे अब बिंदु माधव धरहरा कहा जाता है।
फिलहाल यह स्थल आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संरक्षण में है। कहा जाता है कि दारा शिकोह बिंदु माधव मंदिर में वेद पढ़ने आता था। मंदिर को औरंगजेब ने नष्ट कर मस्जिद बनवा दिया था।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता शशिकांत यादव ने बताया कि यहां हिंदू पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकते। जबकि वाराणसी वैभव, गजेटियर और काशीखण्ड में मंदिर का उल्लेख मिलता है। जब स्थल की देख रेख पुरातत्व विभाग करता है तो सिर्फ मुस्लिमों को नमाज और इफ्तार की इजाजत क्यों ? हिंदू पक्ष को भी पूजन की अनुमति दी जाए। इसी को लेकर याचिका दायर की गई है। वाद में कहा गया है कि इस स्थल पर रमजान में इफ्तार का आयोजन किया जाता है। बिंदु माधव मंदिर में पूजन का अधिकार हिंदुओं को दिया जाए। भगवान विष्णु हिंदुओं के आराध्य हैं। फिलहाल मामले की सुनवाई 4 जुलाई को होगी।
टिप्पणियाँ