मुरादाबाद शहर के दोनों छोरो से गुजरने वाली राम गंगा और गागन नदियों में अवैध कब्जों पर कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सिंचाई विभाग और अन्य विभागों से कहा है कि नदी से 74 मीटर की दूरी तक अतिक्रमण मुक्त रहना चाहिए।
मुरादाबाद आयुक्त आञ्जनेय कुमार सिंह ने सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सुभाष चंद्रा के खिलाफ आरोप पत्र शासन को भेजा है। जानकारी के मुताबिक सिंचाई विभाग ने राम गंगा और गागन नदी के किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर विभागीय अधिकारियों की भूमिका को आयुक्त ने संदेहजनक पाया और बकायदा इसकी जांच पड़ताल करवाई है। आयुक्त चाहते हैं कि नदियों की जमीन को नदी से 74 मीटर तक अतिक्रमण मुक्त किया जाए। इस बारे में एनजीटी ने भी दिशा-निर्देश दिए हुए हैं। मुरादाबाद आयुक्त ने इस बारे में जिलाधिकारी को भी निर्देशित किया हुआ है।
आयुक्त ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से भी कहा है कि वो नदी अथवा सरकारी भूमि पर बने अवैध इमारतों को हटाएं और कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें। एमडीए ने पिछले कुछ दिनों में कुछ अतिक्रमण को हटाया भी था, लेकिन जब मामला सिंचाई विभाग की जमीन का सामने आया तो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारनामे सामने आने लगे। जानकारी के मुताबिक कभी राम गंगा और गागन नदी में बारहमासी पानी बहता था अब इन नदियों की जलधारा सिकुड़ गई है और किनारों पर लोगों ने कब्जे कर लिए हैं। केंद्र सरकार ने जल शक्ति अभियान में इन दोनों नदियों की सफाई और इन्हें अतिक्रमण मुक्त करने के भी आदेश जारी किए हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपनी करीब 400 करोड़ की जमीन को खुर्द बुर्द करके बेंच डाला है, जिस पर आयुक्त ने सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। इस जमीन पर अवैध रूप से काबिज लोगों के बारे में बताया जाता है कि इनमें ज्यादातर संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं।
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