प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में घोटाले की जांच के सिलसिले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। ईडी ने उनसे राजबाग इलाके में पूछताछ की। इस दौरान अब्दुल्ला ने बौखलाहट में कहा कि मैं समन के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। चुनाव होने हैं और वे हमें तब तक परेशान करते रहेंगे। बता दें कि ईडी ने अब्दुल्ला को 27 मई को श्रीनगर स्थित अपने कार्यालय में तलब किया था। नेशनल कांफ्रेंस के 84 वर्षीय नेता ने इससे पहले 2019 में इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और जिस घोटाले की सीबीआई और ईडी द्वारा जांच की जा रही है, वह 2004 और 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी से संबंधित है। ईडी इस मामले में पहले ही 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर चुकी है, जिसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने दावा किया है कि अब तक की जांच में उसे पता चला है कि अहसान अहमद मिर्जा ने जेकेसीए के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर 51.90 करोड़ रुपये के जेकेसीए फंड का दुरुपयोग किया था और अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक देनदारियों को निपटाने के लिए अपराध की आय का उपयोग किया था। जांच पड़ताल के बाद श्रीनगर के राम मुंशी बाग पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई थी।उसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ 43.69 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है।
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