दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को 9 जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने ये आदेश दिया। उधर, सीबीआई ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि सत्येंद्र जैन को उसकी तरफ से क्लीन चिट दी गई है। सीबीआई ने मंगलवार को कहा कि सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट नहीं दी गई है। सीबीआई ने जैन के खिलाफ अगस्त 2017 में मुकदमा दर्ज किया था और दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी।
सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया। ईडी ने जैन को आज दोपहर में कोर्ट के समक्ष पेश किया। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सत्येन्द्र जैन की 14 दिनों की हिरासत की मांग की। मेहता ने कहा कि पैसा दिल्ली में दिया गया। ये पैसा कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंचा। ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थीं। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।
कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप 2015-17 के लेनदेन की बात कर रहे हैं। तब मेहता ने कहा कि हां। मेहता ने कहा कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया। अगर सत्येन्द्र जैन को बाहर रखा गया तो साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना है। इससे मनी लांड्रिंग के पूरे चक्र का पता नहीं चल पाएगा। कोर्ट ने मेहता से पूछा कि आप 14 दिनों की रिमांड क्यों मांग रहे हैं। तब मेहता ने कहा कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं, इस पैसे से किसको लाभ हुआ, इसका पता लगाना है। उन्होंने कहा कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है।
जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं। ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है। उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है। पांच-छह बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए। हरिहरन ने कहा कि सह-आरोपित कुछ भी कर सकता है, उसके लिए आरोपित जिम्मेदार नहीं है। सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपित का पैसा हवाला के जरिये गया। सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया। उनका बैंक खाता सीज किया गया। सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था। ईडी के पास जांच करने के लिए सब कुछ है। उसके बावजूद वे 14 दिन की हिरासत क्यों मांग रहे हैं। ईडी का कहना है कि सत्येन्द्र जैन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं लेकिन ये केवल गुनाह जबरन कबूल करवाना चाहते हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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