चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम अमेरिकी बयान की निंदा करते हैं और उसे अमान्य करते हैं। ताइवान चीनी क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है और पूरी तरह से चीन का आंतरिक विषय है, जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई स्थान नहीं है
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की चीन को ताइवान से दूर रहने की चेतावनी के बाद ड्रैगन की बौखलाहट खुल कर सामने आ रही है। उसके विदेश विभाग के तीखे बयानों के साथ ही रक्षा विभाग ने भी ताइवान को लेकर पैंतरे आक्रामक कर दिए हैं।
ताइवान के विदेश मंत्रालय के अनुसार कल यानी 30 मई को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायुसेना के 30 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के दक्षिण पश्चिमी वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की। लेकिन ताइवान के वायु रक्षा तंत्र के फौरन हरकत में आने और गश्त कर रहे अपने लड़ाकू विमानों को तुरंत चीनी विमानों को अपने इलाके से खदेड़ने के बाद खतरा टल गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जापान में संपन्न क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने ताइवान के समर्थन में बयान देते हुए कहा था कि अगर किसी ने ताइवान पर चढ़ाई की तो अमेरिका ताइवान की सुरक्षा में साथ खड़ा होगा। बस, तभी से चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व में खदबदाहट दिखाई देने लगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यही कारण है जो चीन के 30 लड़ाकू विमानों ने एक साथ ताइवानी वायु क्षेत्र में घुसपैठ करने की जुर्रत की है। चीनी लड़ाकू विमानों की इस घुसपैठ की जानकारी मिलते ही ताइवान की एयर डिफेंस फोर्स हरकत में आई और उसके लड़ाकू विमानों को तुरंत चेतावनी देने के लिए भेजा गया।
इतना ही नहीं, ताइवान ने रेडियो संदेश करके चीनी पायलटों को चेतावनी दी और अपने इलाके से दूर जाने को कहा। इसके बाद ताइवानी विमानों के तेवर देखरक चीन के लड़ाकू विमान वहां से भाग खड़े हुए।
ताइवान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 30 मई को ताइवानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले इन विमानों में शामिल थे 2 शानक्सी केजे-500 अवाक्स विमान, 4 शानक्सी वाई-8 ट्रांसपोर्ट विमान, 1 शानक्सी वाई-8 अर्ली वार्निंग, 1 शानक्सी वाई-8 एंटी सबमरीन वॉरफेयर विमान, 6 जे-16 लड़ाकू विमान, 8 जे-11 लड़ाकू विमान, 4 जे-10 लड़ाकू विमान, 2 सुखोई एसयू-35 और 2 सुखोई-30 लड़ाकू विमान।
ताइवान चीनी क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है और पूरी तरह से चीन का आंतरिक विषय है, जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई स्थान नहीं है। वेनबिन ने कहा कि चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित देश के मुख्य हितों के मुद्दों पर समझौता या रियायत की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित ताइवान की रक्षा करने का दबाव और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ताइवान के विरुद्ध बल प्रयोग करने का चीन का कोई भी कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर देगा।
जैसा पहले बताया, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने ताइवान को लेकर दिए बाइडेन के बयान की निंदा की। मंत्रालय का कहना था कि हम अमेरिकी बयान की निंदा करते हैं और उसे अमान्य करते हैं। ताइवान चीनी क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है और पूरी तरह से चीन का आंतरिक विषय है, जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई स्थान नहीं है। वेनबिन ने कहा कि चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित देश के मुख्य हितों के मुद्दों पर समझौता या रियायत की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है।
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