मीडिया महामंथन के पांचवें सत्र में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से ‘आर्गनाइजर’ के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। श्री सावंत ने गोवा की गुलामी के दौर में हिंदू संस्कृति के विनाश का जिक्र करते हुए उसके पुनर्निर्माण का संकल्प जताया। उन्होंने गोवा की पर्यटन संस्कृति को बदलने की बात कहते हुए कहा कि हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिरों तक ले जाना है
गोवा में डबल इंजन की सरकार की वजह से राज्य के विकास को गति मिली है और प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ी है। इस संदर्भ में गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य बेहतर व्यवस्था का ही परिणाम है कि देश-विदेश के लोग गोवा आते हैं। उन्होंने कहा कि देश 1947 में स्वतंत्र हुआ, जबकि गोवा को उसके 14 साल बाद 1961 में आजादी मिली है। इस देरी के लिए उस समय की सरकार जिम्मेदार है।
तत्कालीन भारत सरकार को उस समय गोवा पर भी ध्यान रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि गोवा करीब 450 साल गुलाम रहा। उस दौरान हिंदू संस्कृति का विनाश किया गया। हमारे धार्मिक स्थलों और धरोहरों को नष्ट किया गया। अब हम फिर से उन्हें बनाने जा रहे हैं। इसके लिए हमने बजट भी जारी कर दिया है। मेरा तो मानना है कि जहां-जहां मंदिरों को तोड़ा गया है, वहां-वहां मंदिरों का पुनर्निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवा सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हर गांव में एक-दो मंदिर होते हैं। हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है।
आजादी के पश्चात् श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के संपादकत्व में पाञ्चजन्य का शुभारंभ हुआ। पाञ्चजन्य ने अखंड भारत, श्रीराम जन्मभूमि, राष्ट्रवाद जैसे विषयों को लोगों के सामने रखा और इसके विचार लोगों के मन में रोपे। युवा पीढ़ी को अपना इतिहास समझाने में पाञ्चजन्य की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। पाञ्चजन्य के 75 वर्ष पूर्ण होने पर बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
– डॉ. प्रमो द सावंत, मुख्यमंत्री,गोवा
श्री सावंत ने कहा कि गोवा के विकास के लिए ‘स्वयंपूर्ण गोवा कार्यक्रम’ शुरू किया गया है। इसके तहत हर ग्राम पंचायत में स्वयंपूर्ण मित्र कार्य कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अंतर्गत हर विधानसभा क्षेत्र में अधिकारी शिविर लगाकर लोगों के कागजात बनाने के अलावा उनकी समस्याएं सुनकर उनका समाधान कर रहे हैं। गोवा में रोजगार बढ़ाने के संदर्भ में श्री सावंत ने कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उद्योगों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गोवा में पारंपरिक खेती, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोवा में स्वतंत्रता के बाद से ही समान नागरिक संहिता लागू है।
मुझे लगता है कि बाकी राज्यों को भी समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए। गत विधानसभा चुनाव में गोवा में तृणमूल कांग्रेस की हार पर उनका कहना था कि हम अपना काम करते रहेंगे और वे हारते रहेंगे। गोवा के लोग जानते हैं कि कौन हमारे लिए काम कर रहा है और कौन अपने लिए आया है। साथ ही उन्होंने बताया कि गोवा में जितना बीते 50 साल में काम नहीं हुआ, उतना पिछले आठ साल में हुआ है।
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