लखनऊ की टीले वाली मस्जिद पर हिंदू पक्ष के दावे को लेकर याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर आज सोमवार को सुनवाई होगी। वर्ष 2013 में वाद योजित किया गया था। अब जिला सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल कर मांग की गई है कि टीले वाली मस्जिद, दरअसल में लक्ष्मण टीला है, इसलिए उस स्थान को हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए और साथ ही यह भी मांग की गई है कि पूजा–पाठ की अनुमति दी जाए।
हिन्दुओं की ओर से दावा किया गया है कि टीले वाली मस्जिद का पूरा परिसर टीलेश्वर महादेव का स्थान है। वहां पर आक्रान्ता औरंगजेब ने तोड़फोड़ कराया था। न्यायालय ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया था। जिस पर प्रतिवादी पक्ष की ओर से इस वाद को खारिज करने की मांग की गई। मगर न्यायालय ने प्रतिवादी पक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया। इस मुकदमे में पुरातत्व विभाग, उत्तर प्रदेश राज्य, जिलाधिकारी लखनऊ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ, एवं डीजीपी आदि को पक्षकार बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि टीले वाली मस्जिद को लेकर वर्ष 2018 में भी विवाद सामने आया था। जब वहां पर लक्ष्मण जी की मूर्ति लगाने का विरोध किया गया था। एक जानकारी के अनुसार टीले वाली मस्जिद, आर्केलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के नियमों के विरुद्ध बनाई गई है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगे गए एक पत्र के जवाब में पहले ही हो चुका है। लखनऊ के निवासी अजय वाजपेयी ने 27 सितंबर 2017 को आर्केलाजिकल सर्वे आफ इंडिया को सूचना के अधिकार के अंतर्गत पत्र लिख कर यह जानकारी मांगी थी कि टीले वाली मस्जिद में निर्माण कराया गया, जबकि इमामबाड़े के 100 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कराने पर आर्केलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने रोक लगा रखी है। इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई ?
उक्त पत्र का जवाब देते हुए आर्केलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की तरफ से बताया गया है कि इमामबाड़े के 100 मीटर के क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबन्ध है। इसके बावजूद वहां पर निर्माण कराया गया। इस पर आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने संबंधित लोगों के खिलाफ 9.8.2016 को अवैध निर्माण कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया था और उनको कारण बताओ नोटिस भी दी गई थी।
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