मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में कन्वर्जन का एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने खुद के मुस्लिम होने को कोर्ट में चुनौती दी है। महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे इस्लाम पसंद नहीं है और वह उसके नियम को बिल्कुल नहीं मानती है। महिला ने यह भी बताया है कि वह शराब पीती है और सूअर का मांस भी खाती है। इसलिए उसे मुस्लिम न माना जाए। वह बौद्ध पंथ को मानती है। फिलहाल इस मामले में उच्च न्यायालय 15 जून को सुनवाई करेगा।
महिला का कहना है कि भले ही उसके माता-पिता ने इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वह खुद को मुस्लिम नहीं मानती है। उसका कभी इस्लाम पर विश्वास नहीं रहा, न ही उसने इस्लाम की शिक्षा को स्वीकार किया। वह बौद्ध पंथ को मानती है। महिला ने कोर्ट से यह मांग की है कि वह इस बात की घोषणा करे कि वह मुस्लिम नहीं है। महिला की याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश दातुक अहमद कमाल मोहम्मद शाहिद ने वकील और अटॉर्नी जनरल के चैंबर्स की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मामले में 15 जून को फैसला सुनाया जाएगा।
शरिया हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
इस मामले में महिला ने जुलाई 2020 में शरिया की अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर दिसंबर 2021 में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने उसके मुस्लिम छोड़ने को मान्यता देने से मना कर दिया था। उसके बाद महिला ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। फिलहाल अब हाई कोर्ट में 15 जून की सुनवाई पर तय हो पाएगा कि शरिया कोर्ट के फैसले की न्यायिक समीक्षा के लिए अनुमति दी जाएगी या नहीं। महिला यह भी चाहती है कि कोर्ट यह भी घोषणा करे कि शरिया कोर्ट के पास किसी व्यक्ति को इस्लाम से निकालने का अधिकार है या नहीं।
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