नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में लगे ड्रोन महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लोग भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए ड्रोन की विशेषताओं को जानकर चकित हो रहे हैं। उड़ने वाली कार, सेना और कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले ड्रोन को देखकर हर भारतीय गौरवान्वित हो रहा है। कभी ड्रोन का नाम सुनकर लोग यही सोचते थे कि वह उपकरण, जिन्हें बिना पायलट उड़ाया जा सकता है, लेकिन अब ड्रोन का उपयोग कई क्षेत्रों में होने लगा है। फोटोग्राफी, निगरानी, आपदा के समय राहत सामग्री या सामान्य दिनों में किसी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में भी ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है। ड्रोन के इस बहुउपयोग को देखकर ही भारत की अनेक कंपनियां ड्रोन बना रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत में ड्रोन उत्पादन करने वाली कंपनियों का कारोबार 80 करोड़ रु. का है। आशा की जा रही है अगले तीन साल में यह करोबार 900 करोड़ रु. को पार कर जाएगा। यह भी अनुमान है कि ड्रोन से जुड़े तीन क्षेत्रों—हार्डवेयर उत्पादन, साफ्टवेयर और सर्विसेज सेक्टर, को मिला दिया जाए तो भारत में इसका कारोबार केवल तीन साल में 30,000 करोड़ रु को पार कर सकता है और 10,000 लोगों को रोजगार मिल सकता है।
भारत सरकार के सहयोग और उसकी नीतियों से ड्रोन उद्योग के पंख फैल रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रोन के पंखों को हवा देने में लगे हैं। यही कारण है कि उन्होंने स्वयं 27 मई को ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया और इसके बाद ड्रोन प्रदर्शनी का बहुत ही बारीकी से निरीक्षण किया और उनकी विशेषताओं को जाना। उन्होंने यह भी कहा कि 2030 तक भारत ‘ड्रोन हब’ बनेगा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह महोत्सव केवल ड्रोन का नहीं है, यह नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है। ड्रोन तकनीक को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है। यह जो ऊर्जा दिख रही है, वह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित उद्योग की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह ऊर्जा भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े क्षेत्र की संभावनाएं दिखाती है। उन्होंने कहा कि जब केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ था, तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था। तो मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम की निगरानी करता था।
भारत में ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ही भारत सरकार ने फरवरी,200 से ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब केवल सुरक्षा के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है। इसके लिए भी आवश्यक अनुमति लेना आवश्यक है। हालांकि सरकार ने ड्रोन के पुर्जो के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।
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