भारत ने शुक्रवार को इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से कहा है कि वह आतंक को सही ठहराने की कोशिश ना करें। संगठन के स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग (आईपीएचआरसी) ने आतंकी यासीन मलिक को दी गई सजा पर नकारात्मक टिप्पणी की है।
यासीन मलिक के संबंध में एनआईए कोर्ट के फैसले पर ओआईसी-आईपीएचआरसी द्वारा की गई टिप्पणियों का शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले पर देश की आलोचना करने वाले ओआईसी-आईपीएचआरसी की टिप्पणियों को खारिज करते हैं। इन टिप्पणियों के माध्यम से, ओआईसी-आईपीएचआरसी ने यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों के लिए स्पष्ट रूप से समर्थन व्यक्त किया है। दुनिया आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस चाहती है और हम ओआईसी से इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराने का आग्रह करते हैं। उल्लेखनीय है कि आतंकी फंडिंग के लिए दोषी ठहराए गए मलिक को बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इस पर इस्लामिक समूह के मानवाधिकार विंग ने मलिक की सजा की निंदा करते हुए कहा था कि यह व्यवस्थित भारतीय पूर्वाग्रह और कश्मीरी मुसलमानों के उत्पीड़न को दर्शाता है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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