मेरठ जिला अदालत ने हाजी याकूब की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, लेकिन उसकी पत्नी की जमानत स्वीकार कर ली है। हाजी कुरैशी के बेटे को भी जमानत नहीं मिली है।
जिला न्यायाधीश रजत सिंह की अदालत में हाजी याकूब कुरैशी के पक्ष के वकील ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। हाजी याकूब पर अवैध रूप से मीट फैक्ट्री और अस्पताल चलाने का आरोप है। प्रशासन ने उनके दोनों प्रतिष्ठानों को सील कर दिया है और उनकी संपत्तियों को भी कुर्क किया जा चुका है।
हाजी याकूब के वकीलों ने हाई कोर्ट में भी मीट फैक्ट्री का स्टॉक निकालने और जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे वहां भी खारिज कर दिया गया था। हाजी याकूब, उसका बेटा फिरोज और पत्नी मीट फैक्ट्री में साझेदार हैं। जिला अदालत ने इनके पक्ष के वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि इनकी पत्नी शमजिदा फैक्ट्री में अंशधारक जरूर हैं, लेकिन उनका कारोबार में कोई दखल नहीं है, लिहाजा उनकी अग्रिम जमानत को स्वीकार किया गया है। बहरहाल पुलिस को अभी भी बसपा नेता याकूब कुरैशी की तलाश है। जिसके लिए पुलिस की टीम जगह-जगह दबिश दे रही है।
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