एलन मस्क पर एक फ्लाइट अटेंडेंट ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। फ्लाइट अटेंडेंट लड़की ने मस्क पर कपड़े खोलकर उसे सेक्स का ऑफर देने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस दावे की पुष्टि के लिए वेबसाइट ने साक्षात्कारों, दस्तावेजों और पीड़िता की एक मित्र के घोषणा पत्र को आधार बनाया है।
वहीं एलन मस्क ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ‘राजनीतिक’ और ‘घृणित’ करार दिया है। एलन मस्क ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को ‘घृणित हमला’ करार दिया है।
एलन मस्क ने उस पत्रकार की भी ट्विटर पर आलोचना की है, जिसने इस स्टोरी को पब्लिश किया है और उन्होंने लिखा है कि, ‘उनका इरादा साफ है, कि वो मुझे ट्विटर को खरीदने से रोक सकें।’ एलन मस्क ने कहा कि, ‘स्टोरी लिखने वाले पत्रकार को मुझसे भी बात करनी चाहिए थी और मेरी प्रतिक्रिया भी लेनी चाहिए थी।’
क्या है आरोप की कहानी
अंग्रेजी अखबार बिज़नेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, घटना साल 2016 की है। महिला स्पेसएक्स की कॉर्पोरेट फ्लाइट में बतौर फ्लाइट अटेंडेंट काम करती थी। एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट अटेंडेंट की जॉब शुरू करने के बाद स्पेसएक्स की तरफ़ से उसे मसाज देने वाली महिलाओं वाला लाइसेंस लेने के लिए दबाव बनाया गया था। ताकि वह मस्क को मसाज दे सके। और साल 2016 में मस्क के जेट प्लेन ‘Gulfstream G650ER’ के एक प्राइवेट केबिन में वो उन्हें मसाज दे रही थी। उसी दौरान मस्क ने उसके साथ सेक्स करने का प्रस्ताव रखा।
एयर होस्टेस ने बताया कि मस्क ने उसे मसाज के लिए बुलाया। जब वो कमरे के अंदर गई। तो मस्क सिर्फ एक तौलिया से अपने शरीर का निचला हिस्सा ढके हुए थे। मसाज के दौरान, मस्क ने उसे अपना प्राइवेट पार्ट दिखाया और फिर प्रस्ताव दिया कि अगर वह मसाज से कुछ ज्यादा करे तो उसे एक घोड़ा खरीदकर दिया जाएगा। लड़की ने ये भी कहा कि मस्क ने 2016 में लंडन की फ्लाइट में उसके पैरों को गलत तरीके से रगड़ा।
वामपंथियों के निशान पर मस्क
मस्क रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स के संस्थापक व सीईओ हैं। हाल ही में उन्होंने अग्रणी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीदने का एलान किया है। हालांकि, यह सौदा ट्विटर पर फर्जी खातों की संख्या ज्यादा होने की खबरों को लेकर फिलहाल अटका हुआ है। मशहूर सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने की घोषणा करने के बाद से ही एलन मस्क वामपंथियों के निशान पर हैं, और दो स्टिंग ऑपरेशन में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है, कि ट्विटर को किस तरह से वामपंथियों ने अपना अड्डा बना लिया था।
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