पंजाब पुलिस की एसटीएफ ने अमृतसर में आठवीं कक्षा के छात्र समेत चार व्यक्तियों को हिरासत में लेकर एक किलो हेरोइन बरामद की है। पकड़े गए संदिग्ध पाकिस्तान से हथियार मंगवाकर उन्हें पंजाब में आतंकियों को सप्लाई करते थे। इस पूरे घटनाक्रम में बच्चे की भूमिका बेहद अहम है। आरोपियों के तार लुधियाना बम धमाके से जुड़े हुए हैं।
बार्डर रेंज के आईजी मोनीश चावला ने बताया कि नाबालिग को जुवेनाइल जेल भेज दिया गया है। वह पढ़ाई छोड़ चुका है, लेकिन असामाजिक गतिविधियों में लिप्त था। सभी आरोपियों ने 4 बार सीमा पार से आईईडी भी मंगवाई थी। चंडीगढ़ एसटीएफ ने 16 मई को धनोए खुर्द निवासी सर्बजीत सिंह उर्फ शाबा और चक मिश्री खान लखबीर सिंह उर्फ लक्खा को केंद्र की एक एजेंसी की इनपुट पर गिरफ्तार किया था।
अगले ही दिन इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने एक नाबालिग को भी हिरासत में ले लिया। नाबालिग से जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो तीन अन्य आरोपियों के नाम सामने आए। इनमें से एक धनोए खुर्द निवासी सविंदर सिंह भोला, चक अल्ला बख्श निवासी दिलबाग सिंह उर्फ बाग्गो और धनोए खुर्द निवासी हरप्रीत सिंह हैप्पी को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनसे 500-500 ग्राम के दो पैकेट हेरोइन के बरामद किए थे।
नाबालिग की निशानदेही पर पकड़े गए आरोपी दिलबाग ने बताया कि लुधियाना ब्लास्ट में प्रयोग हुए आईईडी को बॉर्डर पार से मंगवाया था। दिलबाग ने यह आईईडी अगले ही दिन पंजू कलाल अमृतसर के रहने वाले सुरमुख सिंह उर्फ सम्मू को दे दी थी। जिसने इस खेप को लुधियाना ब्लास्ट में मारे गए गगनदीप सिंह को हैंडओवर किया था। सुरमुख सिंह पहले से ही जेल में था और पुलिस अब उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है।
पुलिस के अनुसार दिलबाग ने पाकिस्तान से चार आईईडी मंगवाई थीं। जिनमें से एक तो लुधियाना ब्लास्ट में प्रयोग हो गई थी और अन्य को पुलिस ने जनवरी व फरवरी में लावारिस स्थिति में बरामद किया था। चुनावों से पहले अटारी के समीप धनोए खुर्द के बाहर मोड़ पर पड़ी आईईडी भी इसी खेप का हिस्सा थी। आईजी ने बताया कि पकड़े गए बच्चे का दिमाग काफी तेज है और वह मोबाइल पर इंटरनेट वगैरह चलाने में आरोपियों की मदद करता था। इसी वजह से तस्करों ने उसे चुना और पैसों का लालच देकर अपने साथ मिला लिया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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