मात्र एक महीने में दिल्ली परिवहन निगम की छह बसें जली हैं। कहा जा रहा है कि गर्मी अधिक बढ़ने से बसों में आग लग रही है,लेकिन दिल्ली भाजपा का कहना है कि भ्रष्टाचार के कारण बसों की ठीक से देखरेख नहीं हो पा रही है।
इन दिनों दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी की बसों में आग लगने की घटना आम हो गई है। कहीं भी और कभी किसी बस में आग लगती है और कुछ ही देर में खाक में बदल जाती है। इस तरह की घटनाओं पर भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो कभी आम आदमी की बात करते थे, के लिए आम लोगों की जान की कीमत पानी से भी सस्ती हो गई है। इसलिए 5,000 करोड़ रुपये के बजट वाला दिल्ली परिवहन निगम आज बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। दिल्ली परिवहन निगम जो बसों के माध्यम से सुविधाएं देता था, आज लोगों की जान ले रहा है। डीटीसी आज पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। आदेश गुप्ता ने कहा कि डीटीसी में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है, इसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा गया है।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के सत्ता में आने से पहले डीटीसी में 6200 बसें थीं, जो आज घटकर 3700 रह गई हैं, जबकि दिल्ली की आबादी में पिछले सात साल में लगभग 25,00,000 की वृद्धि हुई है। दिल्ली भाजपा का कहना है कि केजरीवाल ने स्वयं अदालत में शपथपत्र देकर कहा था कि दिल्ली में 11,000 बसों की आवश्यकता है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में भी कहा था कि उनकी सरकार आते ही 11,000 बसें लेकर आएंगे, लेकिन वे बसें आज तक नहीं आई हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार जिन बसों की उम्र समाप्त हो गई है उनकी मरम्मत पर दिल्ली सरकार प्रतिवर्ष 50,00,000 रुपये खर्च कर रही है। बता दें कि एक बस की उम्र सीमा 8 से 12 वर्ष की होती है और आज दिल्ली में 99 प्रतिशत बसों की उम्र सीमा 12 साल पार कर चुकी है। यानी उम्र सीमा को पार कर चुकी बसों को दिल्ली की सड़कों पर चलाकर केजरीवाल सरकार लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रह रही है।
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