नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 33 साल पुराने रोड रेज मामले में एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में सिद्धू को पहले राहत मिल गई थी, लेकिन मृतक के परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।
दरअसल, रोड रेज मामला 1988 का है। उस समय नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेटर थे। जानकारी के अनुसार 27 दिसंबर 1988 को सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट पहुंचे थे, जहां कार पार्किंग को लेकर उनका एक 65 वर्षीय बुजुर्ग से विवाद हो गया था। बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट तक हो गई। उस दौरान सिद्धू ने घुटना मारकर बुजुर्ग को गिरा दिया। बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट में पता चला कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है।
घटना के बाद कोतवाली थाने में नवजोत सिंह सिद्धू और उसके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। सेशन कोर्ट में केस चलने के बाद 1999 में सेशन कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया। उसके बाद 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में 3-3 साल की सजा और एक लाख का रुपए का जुर्माना लगाया। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जहां सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।
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