हरियाणा पहली बार ‘खेलो इंडिया’ प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। 4-13 जून तक चलने वाली इस खेल प्रतियोगिता में देश के 8,500 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। हरियाणा की पहचान लट्ठ और पगड़ी से सुसज्जित शुभंकर ‘धाकड़’ भी दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहेगा
खेल हरियाणा की संस्कृति में रचे-बसे हैं। तीज-त्योहारों पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं से खेलों के प्रति यहां के जनमानस की रुचि बखूबी झलकती है। इसी खेल संस्कृति के चलते यहां खेल क्षेत्र में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा भले ही छोटा-सा प्रांत हो, परंतु यहां खेल प्रतिभाओं की भरमार रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि हरियाणा की धरती विशेष प्रकार की है, हमारा कृषक अन्न पैदा करता है। यहां की मिट्टी अन्न के रूप में सोना उगलती है। यहां के युवा खिलाड़ी खेलों में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक ला रहे हैं।
देश की आबादी में हरियाणा की हिस्सेदारी महज 2.5 प्रतिशत ही है, लेकिन खेलों में पदक जीतने के मामले में राज्या की हिस्सोदारी 25 प्रतिशत है। इसका श्रेय हरियाणा की खेल नीति को जाता है, जो देशभर में आदर्श बन चुकी है।
हरियाणा इस बार ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021’ के चौथे संस्करण की मेजबानी कर रहा है। यह पहला अवसर है, जब हरियाणा खेलो इंडिया की मेजबानी कर रहा है। इसमें 25 तरह के खेल शामिल हैं। इससे पहले 2020 में गुवाहाटी में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें महाराष्ट्र के बाद 200 पदक जीत कर हरियाणा दूसरे स्थान पर रहा था।
9-22 जनवरी, 2020 तक चली इस प्रतियोगिता में 20 खेल शामिल थे। इसमें हरियाणा के 677 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस बार, राज्य में 4 से 13 जून तक आयोजित होने वाले यूथ गेम्स में अंडर-18 में देशभर के 8500 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। खेल स्पर्धाएं शाहाबाद, अंबाला, पंचकूला, चंडीगढ़ और दिल्ली में आयोजित की जाएंगी। इनमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी भाग लेंगे। हरियाणा ‘खेलो इंडिया’ की मेजबानी के लिए तैयार है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ के लोगो, जर्सी, शुभंकर व थीम गीत का अनावरण हो चुका है।
थीम बढ़ाएगा खिलाड़ियों का हौसला
‘‘खेलो इंडिया…इस बार हरियाणा…सारा दैखे जमाना। धाकड़ मिट्टी का खून धाकड़ ही होता है, छोरियां, छौरें तै कम नहीं।’’ इस बार का थीम गीत है, जो खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाएगा। इसके अलावा, इस बार का शुभंकर ‘धाकड़’ (मस्कट) भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। हरियाणा की पहचान लट्ठ और पगड़ी से सुसज्जित शुभंकर दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। ज्यादातर खेलों में जय-विजय शुभंकर ही दर्शकों के बीच में दिखाई देते थे। मगर ‘खेलो इंडिया’ के लिए हरियाणा सरकार ने शुभंकर को हरियाणवी रूप दिया है।
अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार खिलाड़ियों का मानदेय बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह किया गया। पहले यह 5,000 रुपये प्रतिमाह था। वहीं, तेनजिंग नोर्गे विजेताओं को प्रतिमाह 20,000 रुपये और भीम पुरस्कार विजेताओं को 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की शुरुआत की गई है।
इस बार ‘खेलो इंडिया’ में पांच पारंपरिक खेल शामिल किए गए हैं, जिनमें योग, थांगटा, गतका, मलखंभ व कलरिपट्ट पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, हॉकी, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, तैराकी, लान टेनिस, टेबल टेनिस, कुश्ती, भारोत्तोलन, निशानेबाजी, साइकिलिंग, कबड्डी, खो-खो, जूडो, जिम्नास्टिक और हैंडबॉल में खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। हरियाणा मेहमानवाजी के लिए जाना जाता है। इस बार खिलाड़ियों की खूब खातिरदारी होगी। खिलाड़ियों को विशेष प्रकार के व्यंजन इनमें चूरमा व दूध-मक्खन सहित कई लजीज पकवान परोसे जाएंगे। लिहाजा राज्य सरकार की ओर से तैयारियां तेज कर दी हैं।
जबरदस्त खेल नीति
राज्य सरकार बचपन से ही खिलाड़ियों को बचपन से ही तराशने की नीति पर काम कर रही है। राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं, खेल अकादमियों और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन की गई है। बच्चों में खेल संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां खोली जा रही हैं। इससे राज्य के लगभग 25,000 नवोदित खिलाड़ी लाभान्वित हो रहे हैं।
इन नर्सरियों में प्रशिक्षण लेने वाले 8-14 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह 1500 रुपये तथा 15-19 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह 2000 रुपये छात्रवृत्ति दी जा रही है। यही नहीं, सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने हेतु ‘हरियाणा प्रतिभाशाली खिलाड़ी नियम-2018’ बनाए हैं। उनके लिए खेल विभाग में 550 नए पद सृजित किए हैं। इसके अलावा, 156 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है।
खिलाड़ियों के लिए प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार खिलाड़ियों का मानदेय बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह किया गया। पहले यह 5,000 रुपये प्रतिमाह था। वहीं, तेनजिंग नोर्गे विजेताओं को प्रतिमाह 20,000 रुपये और भीम पुरस्कार विजेताओं को 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की शुरुआत की गई है।
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