अब तक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने नाम से ही खनन का पट्टा ले लिया है। इस कारण उनकी कुर्सी भी खतरे में है। अब पलामू के उपायुक्त शशि रंजन पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को खनन का पट्टा दे दिया है।
झारखंड में खनन पट्टा के मामले में रोज नए खुलासे सुनने को मिल रहे हैं। इस बार पलामू के उपायुक्त शशि रंजन का नाम प्रकाश में आया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के अनुसार पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने अपनी सास और सरहज की कंपनी को खनन पट्टा देकर इसका इकरारनामा किया है। हालांकि इस मामले में उपायुक्त शशि रंजन का कहना है कि इसके लिए सभी नियमों का पालन किया गया है।
दीपक प्रकाश के अनुसार जय मां विंध्यवासिनी स्टोन फर्म और प्राइम स्टोन को खनन का पट्टा दिया गया है। आरोप है कि ये कंपनियां उपायुक्त शशिरंजन के संबंधियों की हैं। जय मां विंध्यवासिनी स्टोन फर्म के नाम पर पलामू जिले के शाहपुर मौजा, थाना नौडीहा बाजार, थाना संख्या 380, खाता संख्या 72, प्लाट नंबर 295,297,299,300,302,304 एवं 306, कुल रकबा 4.17 एकड़ में पत्थर खनन, क्रशर प्लांट, स्टोन चिप्स एवं डस्ट के लिए 4 वर्ष 11 माह के लिए पट्टा दिया गया है। इसमें अंजना चौरसिया, जो बिहार के बक्सर जिले के निवासी हैं, उपायुक्त शशि रंजन की सास हैं, जबकि प्राइम स्टोन कंपनी से जुड़ी स्नेहा कुमारी भी उनकी रिश्ते में सरहज लगती हैं।
सिर्फ इतना ही, नहीं श्री प्रकाश ने झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) में कार्यरत अनुबंधकर्मी अशोक कुमार पर भी बड़ा आरोप लगाया है। कहा कि अशोक कुमार गढ़वा जिले में खनिज निगम के प्रोजेक्ट अधिकारी हैं। इन्होंने गढ़वा के चिनिया प्रखंड में अपनी पत्नी विद्या शर्मा के नाम पर 8.47 एकड़ जमीन पर खान आवंटित करा लिया है। इन सभी मामलों को लेकर सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 27 महीने में भ्रष्टाचार की अभूतपूर्व कहानी सुनने और देखने को मिल रही है। एक तरफ झारखंड की जनता आम सुविधाओं के लिए तरस रही है और दूसरी तरफ झारखंड में सभी नेताओं और अधिकारियों को लूट की छूट मिली हुई है।
हालाँकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा मामले का खुलासा किये जाने के एक दिन बाद ही 16 मई से पलामू जिले के नौडीहा के शाहपुर में चल रहे मेसर्स जय मां विंध्यावासिनी स्टोन माइंस में उत्खनन बंद कर दिया गया है। साथ ही उत्खन कार्य में लगी मशीन खान से बाहर निकाल दी गयी है।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के ऊपर भी पद के दुरुपयोग का मामला
इसके साथ ही झारखंड सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के ऊपर भी धारा 9ए उल्लंघन किए जाने का मामला चल रहा है। इस मामले पर भी गढ़वा के उपायुक्त रमेश घोलप से चुनाव आयोग ने पहले भी रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट भेजे जाने के बाद चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है। इसके बाद एक बार फिर से चुनाव आयोग ने गढ़वा उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की शिकायतकर्ता सुनील महतो ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान मिथिलेश ठाकुर द्वारा भरे गए फॉर्म 26 में इसका जिक्र है कि वह चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स के सीयोगी हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी राज्य सरकार के साथ की गई संविदाएँ अस्तित्व में थीं। शिकायत में ऐसी कई संविदाओं का उल्लेख किया गया है। इसी को लेकर शिकायतकर्ता की ओर से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।
संसाधन लूटने वाली सरकार लोगों पर थोप रही है जजिया कर: रघुवर दास
वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने भी राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में विकास कार्य सरकारी संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। राज्य में हेमंत सरकार कोयला, बालू, पत्थर आदि को खुद लूटवाने का काम कर रही है। इससे जो आमदनी हो रही है वह भी दलालों के बीच बांट दी जा रही है। एक तरफ सरकार खजाना खाली होने की बात कहती है दूसरी तरफ आम लोगों पर कर बढ़ाकर मुगलों की तरह जजिया कर थोपने का काम कर रही है।
आपको बता दें कि हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के सभी नागरिकों को 100 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया था, लेकिन पिछले 27 महीने में किसी भी नागरिक को यह सुविधा नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत होने पर बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को हटा लिया गया है। ठीक उसी तरह से सरकार से मिलने वाले पानी की कीमत ₹6 प्रति हजार लीटर था, जबकि अब उसे साढ़े ₹9 प्रति हजार लीटर कर दिया गया है, वहीं ₹4000 में पानी का कनेक्शन हर एक घर को दिया जाता था लेकिन अब ₹7000 कर दिया गया है। दूसरी तरफ हेमंत सरकार के दौरान होल्डिंग टैक्स में भी बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। नए नियमों के अनुसार आवासीय परिसर के लिए पहले के मुकाबले अब 25 से 35% तक ज्यादा होल्डिंग टैक्स बढ़ा दिया गया है। रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सरकार लोगों का जीना महंगा कर दिया है और खुद राज्य के मूलभूत स्रोत को लूटने का काम कर रही है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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