ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे पूरा होते ही परिसर में शिवलिंग मिलने की बात कही गई है। इस मामले को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख (पैरोकार) जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा है कि जल्द ही न्यायालय से निर्णय होने के बाद उसी स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही सभी आठों मंडपों का भी स्वरूप दुनिया को दिखेगा।
जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि हमने प्लॉट संख्या 9130 की सर्वे की मांग की थी, जो ज्ञानवापी का परिसर है। शिवलिंग भी वहीं मिला है। मुकदमे का उद्देश्य भी सच को सामने लाना है। जहां शिवलिंग मिला है, वहीं आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग का मंदिर बनेगा। मंदिर का मॉडल भी तैयार किया जा चुका है। जो भक्तों के सामने जल्द ही आएगा।
जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि ये मामला अयोध्या श्रीराम मंदिर की तरह लंबा नहीं चलेगा। संवैधानिक तरीके से जल्द ही परिणाम सामने आएगा। शिवलिंग की लंबाई 12.5 फुट के करीब है। साक्ष्य तो सर्वे के दौरान बहुत मिले हैं, लेकिन शिवलिंग का मिलना इससे बड़ा क्या साक्ष्य हो सकता है। जो बातें आज सामने आईं वो हमारी आस्था और हृदय से जुड़ी हैं। साक्ष्य की सुरक्षा को लेकर न्यायालय में अधिवक्ताओं द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिस पर न्यायालय द्वारा तत्काल सुरक्षा का आदेश दे दिया गया। हम लोगों ने अपनी याचिका में श्रृंगार गौरी का नियमित दर्शन और परिसर में मौजूद देवी-देवताओं के बारे में जानकारी मांगा था। सर्वे रिपोर्ट जब न्यायालय में प्रस्तुत होगी तो और भी बहुत सी बातें सामने आएंगी।
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