बिहार में शराब तस्कर ऐसे—ऐसे कारनामे कर रहे हैं, जिनसे हर कोई दंग हो रहा है। तस्कर शराब बनाने वाली सामग्री नदी और नालों में छिपाकर रख रहे हैं। सरयू नदी से उत्पाद विभाग ने ऐसी सामग्री बरामद की है। इसके साथ ही शराब की 11 भट्ठियों को भी तोड़ा गया।
बिहार में छह—सात साल से शराबबंदी है। फिर भी राज्य के हर कोने में शराब मिल रही है और लोग शराब पी भी रहे हैं। कई जगह तो जहरीली शराब पीने से अनेक लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद राज्य में शराब तस्कर सक्रिय हैं और लोगों तक शराब पहुंचा रहे हैं। तस्कर शराब बना भी रहे हैं। पुलिस से बचने के लिए ये लोग शराब बनाने वाली सामग्री जंगल, पानी और यहां तक धरती के नीचे भी छिपाकर रखने लगे हैं। एक ऐसा ही मामला सारण जिले में उजागर हुआ है। यहां के अवतार नगर क्षेत्र में सरयू नदी से शराब बनाने वाली सामग्री बरामद की गई है।
उल्लेखनीय है कि शिकायत मिलने पर इस क्षेत्र में उत्पाद विभाग ने ड्रोन के माध्यम से शराब तस्करों पर नजर रखना शुरू किया। जब इसकी जानकारी तस्करों को हुई तो उन लोगों ने शराब और शराब बनाने वाली सामग्री नदी के पानी में रख दिया। विभाग को शक हुआ तो छापामार अभियान चलाया गया। इसके तहत नदी में जाल फेंका गया तो वहां से शराब की बोतलें निकलनी लगीं। इसके बाद तो लोग कहने लगे हैं कि बिहार में नदी से मछली नहीं, शराब निकलने लगी है। इसी क्रम में छपरा के अवतार नगर में शराब की 11 भट्ठियों को तोड़ा गया।
पटना के डॉ. हरिवंश कहते हैं, ”शराबबंदी बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य सरकार लोगों को शराब के मामले में सजग और जागरूक नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि कानून तोड़कर भी लोग शराब पी रहे हैं और इसका सबसे ज्यादा फायदा तस्कर उठा रहे हैं।”
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