दुनिया के लिए आतंकी संगठन आईएसआईएस और अलकायदा बड़ा खतरा हैं। यह दावा सात देशों के समूह (जी-7) ने दोहराया है। अफगानिस्तान में पिछले साल 15 अगस्त को तालिबान द्वारा नियंत्रण करने के बाद से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएस) और अल-कायदा वैश्विक स्तर पर खतरा बना हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जी-7 देशों के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि तालिबान द्वारा जबरन अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद वहां के घटनाक्रम को लेकर बेहद चिंतित हैं।
जी-7 देशों ने एक साथ घोषणा करते हुए कहा कि हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अपनी मजबूत और स्पष्ट निंदा को दोहराते हैं। हम आतंकवाद को रोकने और लड़ने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। विशेष रूप से आईएसआईएस, अल-कायदा जो वैश्विक स्तर पर खतरा बने हुए हैं। जी-7 देशों ने जोर देकर कहा कि सभी आतंकवाद विरोधी उपायों को अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्ण अनुपालन में किया जाना चाहिए। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून शामिल हैं।
इसके साथ ही जी-7 देशों ने तालिबान से समावेशी, कानून के शासन और नागरिक समाज की दिशा में सार्थक प्रयासों के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक आधार सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। इसमें महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों सहित राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों के लिए पूर्ण सम्मान के साथ अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा गया है।
जी-7 देशों ने तालिबान से अपने अनुरोध को दोहराते हुए कहा कि अफगान लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा तक समान पहुंच से वंचित करने के उनके फैसले को तत्काल वापस ले लिया जाए। साथ ही कहा कि अफगानी महिलाओं और लड़कियों पर से गंभीर प्रतिबंध तुरंत हटाए जाएं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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