राजधानी दिल्ली के मुंडका अग्निकांड मामले की जांच में जुटी पुलिस ने मुख्य आरोपित माने जाने वाले इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा को गिरफ्तार करने के बाद कहा कि हर उस एजेंसी को इस जांच को लेकर पत्र लिखा जाएगा और उनकी भूमिका की जांच होगी, जो इस पूरे मामले से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ी होगी।
डीसीपी समीर शर्मा से प्रश्न पूछे जाने पर कि इमारत कमर्शियल होने के बाद भी इनके पास कोई एनओसी नहीं थी तो इसे लेकर पुलिस क्या कार्रवाई करेगी ? तो जवाब में बताया कि पुलिस टीम उन सभी एजेंसियों जैसे एमसीडी व डीएसआईडीसी जो भी इस मामले से जुड़ी है, उनसे जानकारी लेगी और संबंधित एजेंसियों की इस घटना को लेकर अगर जवाबदेही बनती है तो कानून के दायरे में जो भी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।
मुख्य आरोपी बिल्डिंग मालिक मनीष लाकड़ा गिरफ्तार
लिस ने मुख्य आरोपित माने जाने वाले इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा को राजधानी के घेवरा मोड़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया। जिस वक्त पुलिस ने उसे दबोचा, वह हरिद्वार भागने की फिराक में था। लाकड़ा इस कमर्शियल इमारत का मालिक है और वह परिवार के साथ इमारत की छत पर दो बेडरूम का सेट बनाकर परिवार के साथ रहता था। हादसे के बाद वह परिवार समेत फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी।
लाकड़ा द्वारा पूछताछ में यह बयान दिया गया कि चूंकि पूरा परिवार सो रहा था। इस कारण उन्हें घटना के बारे में जानकारी नहीं थी। सुबह जब उठा और उसे इसका पता चला तो वह डर गया और परिवार समेत वहां से फरार हो गया। पकड़े जाने के डर से पहले तो उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। बाद में उसे फोन को तोड़ दिया, ताकि उसका किसी को सुराग नहीं मिल सके। लेकिन जब वह हरिद्वार भागने की फिराक में था और इसके लिए वह अपने किसी जानकार से मिलने के लिए घेवड़ा मोड़ पहुंचा तो पुलिस ने उसे धर दबोचा।
नहीं ली थी कोई भी एनओसी
डीसीपी ने यह भी साफ किया कि बिल्डिंग के लिए किसी तरह की एनओसी नहीं ली गई थी। मनीष ने ये बिल्डिंग फैक्टरी चलाने के लिए जब दी थी तो उसने किरायेदारों का वेरिफिकेशन तक नहीं कराया था। और न ही पीसीसी के लिए अप्लाई ही किया था। उसने सबकुछ नियम को ताक पर रखकर किया था। पुलिस उससे सख्ती से पूछताछ कर रही है।
2011 में पिता ने ली थी यह इमारत
डीसीपी के मुताबिक जिस इमारत में भीषण आग लगी थी, वह मनीष लाकड़ा के पिता ने वर्ष-2011 में ली थी। हालांकि उनकी मौत वर्ष-2015 में हो गई तो फिर इसका मालिकाना हक वर्ष-2016 में मनीष लाकड़ा के पास आ गया। इसके बाद इसने इस इमारत को कमर्शियल गतिविधि के लिए किराए पर दे दिया था। वह खुद छत पर बने दो बेडरूम सेट में परिवार के साथ रहता था।
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