राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी के पुत्र पर बलात्कार और धमकाने का आरोप लगा है पर वे चुप्पी साधे हुए हैं। सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल भी बलात्कार के मामले पर राज्य को ‘मर्दों का प्रदेश’ बता कर फजीहत करा चुके हैं। क्यों बेबस हैं गहलोत
प्रदेश देश में कांग्रेस के बचे-खुचे क्षत्रपों में एक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के मंत्री और विधायक ही उनकी मुसीबत बने हुए हैं। और, पार्टी के अंदरूनी राजनीतिक संकट के चलते गहलोत इन पर कड़ी कार्रवाई के मामले में बेबस दिख रहे हैं। कांग्रेस के एक विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर दुष्कर्म के आरोप का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब गहलोत के सबसे नजदीकी माने जाने वाले जलदाय मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर एक युवती ने दुष्कर्म, मारपीट जैसे गम्भीर आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।
मामले की जांच पहले राजस्थान पुलिस को सौंपी जानी थी, लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने तय किया है कि चूंकि अपराध से संबंधित कुछ घटनाएं दिल्ली में भी हुई थीं, इसलिए जांच दिल्ली पुलिस ही करेगी। ऐसे में अब महेश जोशी के बेटे पर गिरफ्तारी का संकट आ गया है और उधर खुद महेश जोशी पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। अहम बात यह है कि यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस का राष्ट्रीय चिंतन शिविर उदयपुर में होना है और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित सभी प्रमुख नेता चार दिन तक राजस्थान में ही रहने वाले हैं।
यह मामला हुआ है दर्ज
राजस्थान सरकार में मंत्री डॉ. महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी के खिलाफ राजस्थान निवासी एक 24 वर्षीया युवती ने 7 मई को दिल्ली के सदर बाजार थाने में बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान पर खतरा भी बताया है। दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 376, 377, 328, 366, 506, 509 और 312 के तहत शून्य एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए राजस्थान पुलिस को एफआईआर भेज दी। परंतु अब दिल्ली पुलिस ही इसकी जांच कर रही है। वहीं एक शपथ पत्र भी सामने आया है, जो पीड़िता के नाम से है। इस पर नवम्बर 2021 की मुहर है। पत्र में लिखा है कि पीड़िता रोहित जोशी के साथ लिव-इन में रह रही है और मर्जी से उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए हैं। शपथ पत्र में ये भी लिखा है कि अगर हमारे (पीड़िता और रोहित) के बीच रिश्ते खराब होते हैं तो हम अलग हो जाएंगे और कोई एक-दूसरे पर कानूनी कार्रवाई नहीं करेगा। हालांकि पीड़िता से जब इस शपथ पत्र के संबंध में बात की गई तो उनका दावा है कि रोहित ने कुछ सादे कागज उसके हस्ताक्षर कराए थे, शायद उन्हीं कागजों का इस्तेमाल फर्जी तरीके से शपथ पत्र बनाने के लिए किया गया हो।
गहलोत के काफी नजदीकी हैं महेश जोशी
जलदाय मंत्री महेश जोशी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद नजदीकी नेताओं में माने जाते है। उन्हें पिछले वर्ष नवम्बर में ही मंत्री बनाया गया था। इससे पहले वे विधानसभा में सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक थे। जोशी गहलोत के मुख्य सलाहकारों में माने जाते हैं और जयपुर में उन्हें कांग्रेस के सबसे प्रभावी नेताओं में गिना जाता है। जुलाई 2020 में गहलोत सरकार पर आए राजनीतिक संकट के समय फोन टैपिंग मामले में जोशी ने ही पुलिस में मामले में दर्ज कराए थे।
गहलोत ने साधी चुप्पी : रोहित प्रकरण पर गहलोत ने चुप्पी साध रखी है और कोई बड़ा एक्शन नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जुलाई 2020 के बाद से पार्टी में अंदरूनी खींचतान बहुत बढ़ गई है और गहलोत किसी भी विधायक या मंत्री को नाराज करने की स्थिति में नहीं हैं। कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले से सरकार की छवि खराब तो हुई है, लेकिन अभी कुछ भी साबित नहीं है और पीड़िता का समझौता पत्र महेश जोशी की ढाल बना हुआ है।
दिव्या मदेरणा ने खोला मोर्चा : जोधपुर जिले के ओसियां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली के सदर बाजार थाने में दर्ज जीरो एफआईआर की जांच की जा रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन को लेकर मेरे डीजीपी से गंभीर सवाल हैं। एफआईआर दर्ज करने से इनकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई? इस मामले में डीजीपी को तुरंत विभागीय जांच का निर्देश देना चाहिए। डीजीपी और राजस्थान पुलिस को भी पीड़िता और उसके परिवार को तुरंत सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए क्योंकि उसका पैतृक निवास राजस्थान में है। हमारी सरकार बहुत संवेदनशील है, लेकिन पुलिस को तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है।
‘मर्दों का प्रदेश’: सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल बलात्कार के मामलों में राजस्थान को ‘मर्दों का प्रदेश’ बता कर सरकार को मुश्किल में डाल चुके हैं, हालांकि उन्होंने विधानसभा में ही इसके लिए माफी मांग ली थी।
पिछले कार्यकाल में की थी कार्रवाई : गहलोत के पिछले कार्यकाल में भी दो मंत्रियों ने उनके लिए परेशानी खड़ी की थी। इसमें से एक महिपाल मदेरणा थे, जो चर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी बनाए गए थे। इसके बाद गहलोत के ही नजदीकी तत्कालीन खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर पर दुष्कर्म के आरोप लगे थे। इन दोनों ही मामलों में गहलोत ने कार्रवाई की थी। दोनों मंत्रियों को पद से हटना पड़ा था और महिपाल मदेरणा का मामला तो सीबीआई तक को भेजा गया था। इसी तरह नागर को भी सजा हुई थी।
नशा पिलाकर बनाए अश्लील वीडियो
पीड़िता का आरोप है कि आरोपी रोहित से फेसबुक के जरिए उसकी दोस्ती हुई। रोहित ने कहा था कि वह अपनी पत्नी से परेशान है। पिछले साल 8 जनवरी को वह, रोहित और उसका दोस्त स्वप्निल सवाई माधोपुर गए। यहां वे स्वप्निल के पुश्तैनी घर में रुके। वहां उसे जूस में कुछ मिलाकर दिया गया जिसे पीने के बाद वह बेसुध हो गई। अगले दिन होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। रोहित वहीं मौजूद था। वह घबराई और रोने लगी। रोहित ने उसकी निर्वस्त्र अवस्था में फोटो और वीडियो दिखलाया। यह देख वह सन्न रह गई। रोहित इन वीडियो को सोशल मीडिया पर न चला दे, इस डर से वह चुप रही।
पीड़िता ने ये भी आरोप लगाए हैं कि रोहित बाद में इन तस्वीरों और वीडियो को वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करता रहा और उसके साथ जबरन रिश्ते बनाता रहा। ऐसा उसने जयपुर के होटल, दोस्त स्वप्निल के आफिस और वाटिका फार्महाउस में किया। वह मना करने पर मारपीट भी करता था। इतना ही नहीं, रोहित पीड़िता को किसी अन्य युवक से बात नहीं करने देता था। पीड़िता पर नौकरी छोड़ने का दबाव भी बनाता था।
वह पीड़िता का कहना है कि पिछले साल 3-4 सितंबर को वह जयपुर से दिल्ली में इंटरव्यू के सिलसिले में आई थी। यहां रोहित पहले से ही पहुंच चुका था। दोनों एक होटल में ठहरे। यह भी आरोप लगाए गए हैं कि मंत्री पुत्र पीड़िता को पोर्न दिखाकर उसी तरह करने के लिए दबाव डालता था और धमकियां देता था। इससे परेशान होकर जब उसने आत्महत्या की धमकी दी, तो आरोपी उसे 20 अप्रैल 2021 में एक फार्महाउस में ले गया। यहां उसने पीड़िता की मांग में सिंदूर भर दिया और फेरे भी लिये। 26 जून को वह हनीमून के बहाने उसे मनाली ले गया। वह गर्भवती भी हो गई। पीड़िता का आरोप है कि उसका गर्भपात भी करवाया गया।
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