गत दिनों हजारीबाग में आंधी से एक पुराना पेड़ गिर गया। इसके बाद नगर के कुछ लोग सक्रिय हुए और उन्होंने उस पेड़ को उसी जगह पर लगाने का निर्णय लिया। देखते ही देखते कुछ घंटों में ही उस पेड़ को वहीं खड़ा कर दिया गया।
यदि समाज चाह ले तो वह सब कुछ कर सकता है। कुछ ऐसा ही किया है हजारीबाग के कुछ लोगों ने। उल्लेखनीय है कि गत दिनों हजारीबाग की सबसे व्यस्त सड़क गुरु गोविंद सिंह रोड पर अन्नदा महाविद्यालय के पास आंधी के कारण एक पेड़ गिर गया। इससे आसपास के लोग बहुत दुखी हुए। सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण को लेकर बहुत ही सक्रिय रहने वाले अभिमन्यु प्रसाद ने बताया कि इस सड़क पर लगभग 200 पेड़ हैं, जिन्हें यहां के निवासियों ने ही वन विभाग से आग्रह करके लगवाया था। इस कारण इन पेड़ों की देखरेख स्थानीय लोग ही करते हैं। सभी दुकानदारों और निवासियों को भी बताया गया है कि वे पेड़ों के साथ कभी छेड़छाड़ न करें। इसका एक ही उद्देश्य है कि यहां के पेड़ हर हालत में सुरक्षित रहें। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक पौधारोपण, पेड़ बचाओ जैसे आंदोलन होते थे, लेकिन किसी पेड़ को दुबारा लगाने का कभी कोई प्रयास नहीं होता था। कोई पेड़ गिर जाए तो उसे दुबारा उसी स्थान पर लगाने की प्रेरणा सबको मिले इसलिए हम लोगों ने पेड़ को फिर से लगाने का कार्य किया।
इसके लिए सबसे पहले पेड़ के तने काटे गए, ताकि पेड़ को खड़ा करने में अधिक कोई परेशानी न हो। इसके बाद जेसीबी से साढ़े छह फुट गड्ढा खोदा गया। उसमें आवश्यक दवादयां डाली गईं और कीटनाशक का छिड़काव भी किया गया। काटी गई टहनियों पर ‘ब्लू कॉपर’ के घोल का छिड़काव किया गया, ताकि उनमें संक्रमण न हो। इसके बाद भारी चीजों को उठाने वाली एक क्रेन की मदद से पेड़ को खड़ा किया गया। पेड़ खड़ा होने के बाद लोगों ने देव वृक्ष पीपल की आराधना की और जल अर्पण किया। प्रसिद्ध पर्यावरणविद और अब तक सैकड़ों पेड़ लगाने वाले डॉ. मनोज सिंह ने बताया कि यह एक ऐसा प्रयास है जिसका दूरगामी परिणाम सामने आएगा। जब लोग यह समझ लेंगे कि आंधी में टूटा पेड़ भी पुनर्जीवित हो सकता है तो लोग इस तरह के और प्रयास करेंगे। राजेश गुप्ता नामक एक व्यक्ति ने इस कार्य के लिए जेसीबी मशीन और क्रेन उपलब्ध कराया। इस कार्य में अपने योगदान को उन्होंने पुण्य कार्य माना और कहा कि ऐसे तो क्रेन का उपयोग गाड़ी उठाने में किया जाता है, लेकिन हजारीबाग के लोगों ने पेड़ पुनर्जीवित करने में इसका उपयोग कर एक अनुकरणीय कार्य का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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