देशभर में अपणायत (अपनापन) के लिए मशहूर जोधपुर में जिहादी भीड़ ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर वर्षों से फहरने वाले भगवा ध्वज को हटा कर हरा झंडा लगा दिया। आपत्ति करने पर वे दंगा करने पर उतर आए। पुलिस के निष्क्रिय रहने से जिहादियों का मनोबल बढ़ा। उन्होंने बाजार, एटीएम में तोड़-फोड़ की और हिंदुओं को निशाना बनाया
राजस्थान के शांत शहर उन्मादी मुस्लिम हिंसा का शिकार हो रहे हैं। करौली हिंसा की लपटें अभी शांत नहीं हुई थीं कि जिहादियों ने जोधपुर को सुलगा दिया। शहर में मुस्लिम उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। पथराव किया, दुकानें और एटीएम तोड़े, गाड़ियां जलाई, एसिड फेंका, राह चलते लोगों को रोककर पीटा और महिलाओं से छेड़छाड़ की। प्रदेश में तुष्टीकरण की नीति के चलते उपद्रवियों पर सख्ती नहीं है। परिणामत:, निर्दोष लोग हिंसा का शिकार हो रहे हैं। उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जानलेवा हमले किए जा रहे हैं। प्रदेश में हिन्दू विरोधी छवि बना चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस पूरे मामले में सतही बयानबाजी कर रहे हैं और अपनी नाकामी को भाजपा के मत्थे मढ़ रहे हैं।
जोधपुर को देशभर में अपणायत (अपनापन) के लिए जाना जाता है। सोमवार, 2 मई की रात से शुरू हुई जिहादी हिंसा ने जोधपुर के माथे पर दंगे का कलंक लगा दिया है। जोधपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान में गहलोत सरकार बनने के बाद से ही जिहादियों का मनोबल सातवें आसमान पर है। प्रदेश में उपद्रवी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन सरकार उनसे नुकसान की भरपाई नहीं करती। पुलिस जिहादी हिंसा का शिकार निर्दोष लोगों को भी आरोपी बना रही है। हिन्दू समाज में इसे लेकर आक्रोश है।
हिन्दू जागरण मंच जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष चेताराम सियाना प्रशासन के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहते हैं- ‘हिन्दुस्तान में इस प्रकार का कृत्य निंदनीय है, पहले से प्रताड़ित हिन्दू समाज के लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करना सरकार की घोर तुष्टीकरण की मानसिकता को दर्शाता है।’
भगवा झंडा हटा हरा झंडा लगाने की जिद
जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है। शहर के जालौरी चौराहा पर जाने-माने गांधीवादी नेता स्वतंत्रता सेनानी बालमुकंद बिस्सा की प्रतिमा लगी हुई है। वर्षों से प्रतिमा पर भगवा ध्वज लहराता रहा है। चौराहे के समीप ही ईदगाह है। दो मई की शाम को कुछ उपद्रवी आए और भगवा झंडा हटाकर, इस्लामिक झंडा लगा दिया और प्रतिमा को टेप से ढक दिया। वहां खड़े कुछ युवकों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मुस्लिम उन्मादी भीड़ ने मारपीट शुरू कर दी। पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवा दिया। सरकार के दबाव के कारण पुलिस ने घटना को हल्के में लिया और क्षेत्र में कर्फ्यू नहीं लगाया और भीड़ जुटती रही। इसलिए जिहादियों को सुनियोजित दंगे की योजना बनाने का पूरा अवसर मिल गया।
नाम पूछ कर जिहादियों ने बनाया निशाना
डीजे- साउंड का काम करने वाले 18 वर्षीय मुकुल बोहरा बताते हैं- ‘मैं बोहरों की पोल में रहता हूं। मंगलवार सुबह पांच बजे शादी का आर्डर पूरा कर घर लौट रहा था। रास्ते में उन्मादी मुस्लिम युवकों की भीड़ मिली। नाम पूछने के बाद स्कूटी से धक्का देकर गिरा दिया। सरिये से वार कर इतना पीटा कि एक पैर में तीन फ्रैक्चर आए। पिता का देहांत हो चुका है। घर में एक छोटा भाई और मां हैं। जैसे-तैसे कर घर के पास पहुंचा। छोटे भाई को बताया तो वह महात्मा गांधी हॉस्पिटल लेकर पहुंचा।’
ऐसी ही घटना आदिनाथ नगर पाल रोड निवासी पेशे से इंजिनियर अमित के साथ हुई। अमित के भाई दिनेश पुरी बताते हैं – ‘मंगलवार सुबह अपने काम पर जा रहे थे। कबूतर चौक के पास बदमाशों ने एक बाइक को आग लगा रखी थी। अमित कुछ समझ पाता, इससे पहले एक उपद्रवी ने अमित की बाइक के पेट्रोल टैंक में छेद कर दिया। ऐसे में अचानक से आग का गुब्बारा बना और सीधे अमित पर आ गया। हादसे में अमित के पैर-हाथ और पेट का काफी हिस्सा जल गया।’
पाकिस्तान और अल्लाह-हो-अकबर के नारे
जोधपुर (पश्चिम) की मेयर वनीता सेठ ने बताया-‘जालौरी गेट पर मुसलमान ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे। इससे पहले वहां परशुराम जयंती के झंडे लगे हुए थे। पुलिस ने कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहां के लोगों ने स्वयं उन (भगवा) झंडों को हटा दिया, सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति के ऊपर था। रात को फिर कुछ मुसलमान लड़के आए और उन्होंने बिस्सा की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दिया और इस्लामिक झंडा लगाने लगे। इस पर दूसरे पक्ष ने मना किया। इस पर मुस्लिम लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हो-अकबर नारों के साथ पत्थरबाजी शुरू कर दी। पर पुलिस ने उन्हें हटाने के बजाय लाठीचार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हो गए।’
पुलिस पर हमला, बाजार में उपद्रव
मंगलवार सुबह ईद की नमाज के बाद जालोरी गेट सर्किल पर उपद्रवी झंडा हटाने की बात को लेकर हुड़दंग पर उतर आए। उन्होंने पुलिस के साथ धक्कामुक्की की। हाथ से लाठियां छीनकर पुलिस बल पर ही हमला कर दिया। जब पथराव होने लगा तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। उन्मादी भीड़ पूरा मोहल्ला, भजन की चौकी मोहल्ले में पहुंची। यहां एक सात वर्षीय बच्ची माननीया अपने पिता की दुकान के बाहर खड़ी थी। इसी दौरान भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। यह देख पड़ोस के दुकानदार अजय पुरोहित दौड़े और बच्ची पर किए गए लाठी के वार को अपनी पीठ पर झेला। इसके बाद उपद्रवियों ने अजय पर कई वार किए। अजय के पीठ और कमर पर गंभीर चोटें आई हैं। शहर में उपद्रव बढ़ता देख पुलिस ने रूट मार्च किया। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ। अंत में पुलिस को कर्फ्यू लगाकर, इंटरनेट सेवाएं बंद करना पड़ा। अब शहर में तनावपूर्ण शांति है। जल्द ही स्थितियां सामान्य होंगी।
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