योगी सरकार ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना स्मार्ट विलेज को साकार कर रही है। सरकार हर ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय बना रही है। सरकार ग्राम पंचायतों के माध्यम से विकास के कार्यों के साथ गांव के प्रत्येक नागरिक को भागीदार बनाना चाहती है। प्रदेश सरकार ग्रामीणों की सभी समस्याओं का समाधान गांव में कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके द्वारा सरकार ग्राम स्वराज की परिकल्पना को भी साकार कर रही है।
ग्राम सचिवालय के माध्यम से गांव की सभी योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हरेक ग्राम पंचायत को आप्टिकल फाइबर या वाईफाई से जोड़कर गांव से जुड़ी समस्याओं के समाधान के सभी कार्य ग्राम सचिवालय से ही संपन्न हो सकेंगे। अब तक 42 हजार ग्राम सचिवालयों को इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। आने वाले समय में मूल निवास, जाति, आय या जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी अगर किसी को लेना है, तो यह सभी ग्राम सचिवालय से ही मिलेंगे।
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की 58 हजार 189 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष कुल 40002 ग्राम सचिवालय स्थापित कर उनमें आवश्यक उपकरणों कम्प्यूटर फर्नीचर आदि का क्रय कर लिया है। शेष जिलों में कार्यालय उपकरण क्रय की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। उपकरणों की खरीद में गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 15 हजार क्लस्टर बनाए जाएंगे। इसमें पंचायत सेक्रेटरी, लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पंचायतों में ग्राम सचिवालय की मुहिम को पंचायती राज विभाग अमलीजामा पहना रहा है। त्रिस्तरीय पंचायतों में डिजिटल प्रणाली लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। प्रदेश में ग्राम सचिवालय की अवधारणा को न सिर्फ धरातल पर अमल में लाया जा रहा है, बल्कि 54 हजार 876 पंचायत भवनों के निर्माण से लेकर 56 हजार 366 पंचायत सहायकों की नियुक्ति भी की गई है।
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